ताइवान के राष्ट्रपति लाई ने बीजिंग पर साधा निशाना, अतिरिक्त रक्षा बजट में $40 बिलियन का किया वादा

punjabkesari.in Wednesday, Nov 26, 2025 - 08:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क: ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने बुधवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में घोषणा की कि ताइवान 1.25 ट्रिलियन ताइवानी डॉलर (करीब 40 अरब डॉलर) का सप्लीमेंट्री रक्षा बजट पेश करेगा। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बीजिंग ताइवान के आसपास अपनी सैन्य गतिविधियाँ तेज़ी से बढ़ा रहा है।

CNBC पर जारी मैंडरिन अनुवाद के मुताबिक, लाई ने कहा कि चीन लगातार ताइवान के पास मिलिट्री ड्रिल और “ग्रे-ज़ोन हैरेसमेंट” बढ़ा रहा है, जिसका अंतिम लक्ष्य 2027 तक आइलैंड पर बलपूर्वक कब्ज़ा करना हो सकता है। यह बयान चीन और जापान के बीच ताइवान को लेकर बढ़ते कूटनीतिक तनाव के बीच आया।

लाई ने आरोप लगाया कि बीजिंग ताइवान की राजनीति और समाज में दखल देने के लिए कई रणनीतियाँ अपना रहा है और “घुसपैठ अभियान” चलाते हुए पब्लिक ओपिनियन को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि चीन का “अत्यधिक सैन्य विस्तार” ताइवान स्ट्रेट, ईस्ट-चाइना और साउथ-चाइना सी तक उकसावे बढ़ा रहा है।

बीजिंग ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताइवान के पुन: एकीकरण को “ऐतिहासिक ज़रूरत” बताते हैं। ताइवान इन दावों को सिरे से खारिज करता है।

पिछले कुछ वर्षों में चीन ताइवान के आसपास कई सैन्य अभ्यास कर चुका है और “आज़ादी के उकसावे” पर सख्त चेतावनियाँ दी हैं। विश्लेषकों के अनुसार, चीन ने इस साल अपना रक्षा बजट 7.2% बढ़ाकर लगभग 245 अरब डॉलर कर दिया है और ताइवान के पास बड़े पैमाने पर सैन्य संसाधन तैनात हैं।

लाई ने कहा कि ताइवान 2027 तक अपनी “उच्च स्तरीय कॉम्बैट रेडीनेस” हासिल करेगा और सेल्फ-डिफेंस क्षमता को मजबूत करेगा।

सिंगापुर के एस. राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के वरिष्ठ फेलो ड्रू थॉम्पसन ने कहा कि लाई की घोषणा वाशिंगटन को संदेश देती है कि ताइवान अपने आत्मरक्षा दायित्वों के प्रति गंभीर है और U.S.-ताइवान रक्षा सहयोग को मजबूत करना चाहता है।

ट्रंप प्रशासन लंबे समय से अपने सहयोगियों पर रक्षा खर्च बढ़ाने का दबाव डालता रहा है, और ट्रंप ने तो यहाँ तक कहा था कि ताइवान को अपनी सुरक्षा के लिए भुगतान करना चाहिए।

लाई के ऐलान के बाद ताइवान में अमेरिकन इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर रेमंड ग्रीन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि U.S. इस विशेष रक्षा बजट का स्वागत करता है और ताइवान को “तेज़ी से असिमेट्रिक क्षमताएँ हासिल करने” में समर्थन देगा, ताकि उसकी डिटरेंस मजबूत हो सके।

दूसरी ओर, चीनी विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “DPP का सशस्त्र बलों के जरिए आज़ादी हासिल करने का प्रयास नाकाम होने के लिए तय है।”

इस बीच, ताइवान को लेकर चीन व जापान के बीच कूटनीतिक लड़ाई भी जारी है। बीजिंग ने टोक्यो पर अपने आंतरिक मामलों में दखल देने का आरोप लगाया है। विवाद तब भड़का जब जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने कहा कि ताइवान पर कोई भी हमला जापान के लिए “अस्तित्व का संकट” माना जा सकता है।

उधर, ट्रंप ने सोमवार को शी और ताकाइची दोनों से अलग-अलग फोन कॉल पर बात की। विशेषज्ञों का मानना है कि शी ने इस कॉल का उपयोग ताकाइची को ताइवान से जुड़े बयानों में नरमी लाने के लिए ट्रंप से मदद मांगने के लिए किया होगा।


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News Editor

Parveen Kumar

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