बांग्लादेश में आम चुनाव की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे हजारों युवा छात्र

punjabkesari.in Wednesday, May 28, 2025 - 08:05 PM (IST)

Dhaka: बांग्लादेश की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी के बैनर तले हजारों छात्रों और युवाओं ने बुधवार को राजधानी ढाका में एक रैली की और दिसंबर में आम चुनाव कराने की मांग की। गत वर्ष अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद सत्ता संभाल रही अंतरिम सरकार के प्रति देश में असंतोष बढ़ रहा है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) से जुड़े तीन समूहों के कार्यकर्ता कड़ी सुरक्षा के बीच पार्टी मुख्यालय के बाहर सड़कों पर एकत्र हुए।

 

बुधवार की रैली कई सप्ताह के राजनीतिक तनाव के बाद आयोजित की गई थी, क्योंकि अंतरिम नेता एवं नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने पद छोड़ने की धमकी दी थी और सैन्य प्रमुख ने दिसंबर में चुनाव के लिए अपना समर्थन सार्वजनिक रूप से घोषित किया था। कई वर्षों से अस्वस्थ चल रहीं जिया हाल ही में लंदन में चार महीने के उपचार के बाद बांग्लादेश लौटीं, जिससे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर चुनाव कराने का दबाव बढ़ गया है। जिया की धुर विरोधी हसीना पिछले साल जन-विद्रोह के बाद सत्ता से हटने के बाद से ही भारत में निर्वासित जीवन बिता रही हैं। अंतरिम सरकार ने उनकी पार्टी अवामी लीग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

 

बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष और जिया के बड़े बेटे तारिक रहमान के बुधवार को लंदन से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए रैली को संबोधित करने की संभावना जताई जा रही थी। रहमान लंदन में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। हाल के सप्ताह में सिविल सेवकों, प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों और राष्ट्रीय राजस्व सेवा के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किये हैं। व्यापारिक निकायों ने भी अर्थव्यवस्था के कमजोर होने को लेकर यूनुस की आलोचना की है। बीएनपी नेताओं ने हाल ही में यूनुस से मुलाकात की और दिसंबर में चुनाव कराने की थी।

 

उन्होंने अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि अगर यूनुस इस्तीफा देते हैं तो देश को एक वैकल्पिक नेता मिल जाएगा। लेकिन बाद में यूनुस के सहयोगियों ने कहा कि वह पद पर बने रहेंगे। यूनुस ने जून 2026 तक चुनाव कराने का वादा किया, जो इस बात पर निर्भर करेगा कि उसने कितने सुधार किए हैं। बीएनपी, हसीना की अवामी लीग की अनुपस्थिति में अगली सरकार बनाने की उम्मीद कर रही है। बीएनपी ने कहा कि सुधारों के क्रियान्वयन की गति चुनाव में देरी का बहाना नहीं होनी चाहिए और दलील दी कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है।  


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Content Writer

Tanuja

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