अध्‍ययन का दावा: रैपिड टेस्‍टिंग से कुछ हफ्तों में ही छू मंतर हो जाएगा कोरोना संक्रमण

punjabkesari.in Saturday, Nov 28, 2020 - 04:45 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः एक नए अध्‍ययन में  कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए टेस्‍टिंग और इसके रिजल्‍ट आने तक की लंबी प्रक्रिया को  नकार दिया गया है। नए अध्‍ययन में कहा गया है कि रैपिड टेस्‍टिंग की प्रक्रिया अपनाना कहीं अधिक फायदेमंद है। इस अध्‍ययन के अनुसार, रैपिड टेस्‍टिंग के तहत रिजल्‍ट कुछ ही घंटों में आ जाता है जिसके बाद संक्रमित की पहचान कर उसे क्‍वारंटाइन कर इसे फैलने से रोका जा सकता है। हावर्ड यूनिवर्सिटी और कोलोराडो बाउल्‍डर  यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित इस अध्‍ययन में दावा किया गया है कि रैपिड टेस्‍टिंग के जरिए कुछ सप्‍ताह के भीतर ही कोरोना वायरस संक्रमण को रोका जा सकता है। 

 

इस अध्‍ययन के लिए प्रकाशित जर्नल के अनुसार कोरना  संक्रमण को फैलने से रोकने के क्रम में घर में ही क्‍वारंटाइन के नियमों को अपनाने के लिए टेस्‍टिंग की प्रक्रिया को तेज करना काफी आवश्‍यक है। इस अध्‍ययन के लेखक व कंप्‍यूटर साइंस के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डेनियल लार्रेमोर ने रिपोर्ट में कहा, 'हमारा निष्‍कर्ष यह है कि जब सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य की बात आती है तो बेहतर यह होगा कि कम सेंसिटिव टेस्‍ट के आज आने वाला रिजल्‍ट कहीं बेहतर है बजाए इसके कि अधिक सेंसिटिव टेस्‍ट कराएं जिसका परिणाम एक दिन बाद आए।'  

 

 लार्रेमोर ने आगे कहा, 'सभी को घरों में बंद रहने की सलाह देने की जगह इस टेस्‍टिंग के बाद केवल उस बीमार इंसान को घर में बंद रखा जाएगा जिससे संक्रमण फैलने का खतरा है।'    रिपोर्ट के अनुसार, बायोफ्रंटियर इंस्‍टीट्यूट एंड हार्वर्ड टीएच चैन स्‍कूल ऑफ पब्‍लिक हेल्‍थ के साथ मिलकर लार्रेमोर टेस्‍ट की संवेदनशीलता, इसकी फ्रीक्‍वेंसी या इसमें लगने वाले समय के बारे में अध्‍ययन किया गया। पूरे रिसर्च का विश्‍लेषण करते हुए लार्रेमोर ने कहा, 'टेस्‍टिंग को लेकर मंतव्‍य बदलने का समय है, कि आप बीमार है और इसे ही संक्रमण को खत्‍म करने और इकोनॉमी को खोलने का हथियार की तरह इस्‍तेमाल करना है।'  


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Tanuja

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