इस्लामोफोबिक बयान देने वाले बौद्ध भिक्षु को 4 साल की सख्त सजा व एक लाख रुपए जुर्माना

punjabkesari.in Friday, Mar 29, 2024 - 05:17 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः श्रीलंका में इस्लामोफोबिक टिप्पणी करने वाले एक बौद्ध भिक्षु पर न्यायलय ने सख्त एक्शन लिया है। इस श्रीलंकाई बौद्ध भिक्षु ने  साल 2016 में इस्लामोफोबिक टिप्पणी की थी जिस को लेकर गुरुवार को भिक्षु को चार साल की सख्त सजा सुनाई गई। भिक्षु का नाम गलागोडाटे ज्ञानसारा  है वहीं उसकी उम्र 49 साल है। श्रीलंका के उच्च न्यायालय ने न सिर्फ भिक्षु को इस्लामोफोबिक टिप्पणी पर चार साल की सजा सुनाई बल्कि 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। हालांकि भिक्षु ने अपनी मुस्लिम विरोधी टिप्पणियों के लिए मुस्लिम समुदाय से माफी भी मांगी।

 
भिक्षु साल 2012 से मुस्लिम अल्पसंख्यक विरोधी अभियान चला रहा था, वहीं मार्च में साल 2016 में एक सम्मेलन में भिक्षु ने मुस्लिम विरोधी कई टिप्पणियां की जिस के चलते उस पर इस्लामोफोबिक टिप्पणियों के लिए आरोप लगाए गए थे। फरवरी में हुई अदालती सुनवाई के दौरान, भिक्षु ने मुसलमानों के खिलाफ की गई अपनी सार्वजनिक टिप्पणियों से हुई परेशानी के लिए मुस्लिम समुदाय से माफी भी मांगी थी। उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि बोडु बाला सेना (BBC) और बौद्ध शक्ति की ताकतों का नेतृत्व करने वाले ज्ञानसारा ने अपनी टिप्पणियों के माध्यम से धार्मिक और सांप्रदायिक विभाजन पैदा किया था। 

 

धर्म के नाम पर दो समुदाय के बीच आग लगाने का काम किया था। हालांकि 2018 में, ज्ञानसारा को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें राष्ट्रपति से माफी मिल गई थी। हालांकि बाद में उन्होंने बताया कि वह मुस्लिम अल्पसंख्यक के खिलाफ नहीं थे, लेकिन समुदाय की चिंताओं को संबोधित नहीं करने के लिए सिंहली बहुसंख्यक राजनेताओं के आचरण से नाखुश थे। वह BBS आंदोलन के माध्यम से उन्हें संबोधित करने की कोशिश कर रहे थे।  मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पूर्व गवर्नर अजथ सैली और पूर्व सांसद मुजीबुर रहमान द्वारा आपराधिक जांच विभाग में दायर शिकायतों के चलते भिक्षु को दोषी पाया गया था। जिस के चलते उसको चार साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। 


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Content Writer

Tanuja

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