एशिया के 3 देशों में बच्चे पैदा करने से डरने लगे लोग, दुनिया में इस मुल्क की जन्म दर हो गई सबसे कम
punjabkesari.in Thursday, Feb 29, 2024 - 11:39 AM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क: दुनिया के कई देश जहां अपनी बढ़ती आबादी से परेशान हैं वहीं एशिया के तीन देश जन्मदर में रिकॉर्ड गिरावट के कारण टेंशन से गुजर रहे हैं। घटती आबादी का सामना कर रहे इन देशों में दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला चीन, तकनीकी मास्टर जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इन तीनों देशों में सरकारों द्वारा बच्चे पैदा करने पर प्रोत्साहन और सब्सिडी का लालच देने के बावजूद लोग बच्चे पैदा करने से डरने लगे हैं। रिपोर्ट के अनुसार विशेषज्ञों का कहना है कि जीवन यापन और बच्चों की शिक्षा की उच्च लागत, स्थिर वेतन और विवाह और बच्चों की देखभाल के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण इसके लिए जिम्मेदार हैं।
जन्म दर में रिकॉर्ड गिरावट
दुनिया की सबसे कम प्रजनन दर से जूझ रहे दक्षिण कोरिया में नागरिकों को बच्चे पैदा करने के लिए सैकड़ों अरब डॉलर का प्रोत्साहन देने के बावजूद 2023 में यहां जनसांख्यिकीय संकट और भी बदतर हो गया है। दक्षिण कोरिया अकेला नहीं है। चीन और जापान सहित कई एशियाई सरकारों ने अपने नागरिकों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए मनाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उनको असफलता हाथ लग रही है। बुधवार को जारी सांख्यिकी कोरिया के आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण कोरिया की प्रजनन दर, जो पहले से ही दुनिया में सबसे कम है, 2023 में गिरकर एक नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। बुधवार को सांख्यिकी कोरिया के आंकड़ों से पता चला है कि एक दक्षिण कोरियाई महिला के प्रजनन जीवन के दौरान अपेक्षित शिशुओं की औसत संख्या 2022 में 0.78 से गिरकर 0.72 हो गई है।
1970 के बाद से सबसे निचले बिंदु पर पहुंची दक्षिण कोरिया की दर
2018 के बाद से, दक्षिण कोरिया आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) का एकमात्र सदस्य रहा है जिसकी दर 1 से नीचे है। लगभग 50 मिलियन नागरिकों वाले इस देश में जन्मों की संख्या भी 7.7 प्रतिशत घटकर केवल 230,000 रह गई है। सांख्यिकी कोरिया में जनसंख्या जनगणना प्रभाग के मुताबिक, "नवजात शिशुओं की संख्या, जन्म दर और अपरिष्कृत जन्म दर (प्रति 1,000 लोगों पर नवजात शिशु) सभी 1970 के बाद से सबसे निचले बिंदु पर हैं" ।
दक्षिण कोरिया में बच्चे को जन्म देने की औसत आयु 33.6 है, जो ओईसीडी में सबसे अधिक है। देश ने पहले अनुमान लगाया था कि 2024 में इसकी प्रजनन दर 0.68 तक गिरने की संभावना है। ऐसी स्थिति प्रवृत्ति को उलटने के प्रयास में अरबों खर्च करने के बावजूद है क्योंकि जनसंख्या लगातार चौथे वर्ष कम हो रही है।
चीन सरकार के सब प्लान हो रहे फेल
इसके बाद 2023 में चीन की जनसंख्या में लगातार दूसरे वर्ष गिरावट आई। रिकॉर्ड कम जन्म दर और सख्त लॉकडाउन खत्म होने पर कोविड महामारी से हुई मौतों की लहर ने मंदी को तेज कर दिया। इसका चीनी अर्थव्यवस्था की विकास क्षमता पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ने की आशंका है। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा कि 2023 में चीन में लोगों की कुल संख्या 2.08 मिलियन या 0.15 प्रतिशत घटकर 1.409 बिलियन हो गई यह 2022 में 850,000 की जनसंख्या गिरावट से काफी ऊपर थी, जो 1961 में माओत्से तुंग युग के महान अकाल के बाद पहली बार हुई थी।
जानकारों की मानें तो शिक्षा की उच्च लागत चीनी माता-पिता को अधिक बच्चे पैदा करने से रोक रही है। इसके बावजूद माता-पिता को नकद पुरस्कार और घरों पर सब्सिडी सहित कई प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। हांग्जो सरकार नए माता-पिता को तीसरा बच्चा पैदा करने पर 2,800 डॉलर दे रही है। दक्षिणपूर्वी चीन का वेनझोउ शहर माता-पिता को प्रति बच्चे $416.70 की सब्सिडी दे रहा है। चीनी शहरों ने जोड़ों को 30 दिनों तक का सवैतनिक विवाह अवकाश लेने की अनुमति दी है। इन सब उपायों के बावजूद चीन में लोग न तो शादी करना चाहते हैं और न ही बच्चे पैदा करना चाहते हैं।
तेजी से बूढ़ा हो रहा ये देश
चीन और दक्षिण कोरिया के अलावा इनका पड़ोसी देश जापान भी इसी समस्या से परेशान है। तेजी से बूढ़े होते देश ने घोषणा की कि 2023 में वहां जन्में बच्चों की संख्या भी गिरकर एक नए निचले स्तर पर पहुंच गई है। मंगलवार को सरकारी आंकड़ों से पता चला कि जापान में पिछले साल पैदा हुए शिशुओं की संख्या लगातार आठवें साल गिरकर नए निचले स्तर पर पहुंच गई। स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के अनुसार, 2023 में जापान में 758,631 बच्चों का जन्म हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.1 प्रतिशत कम है। 1899 में जापान द्वारा आंकड़े संकलित करना शुरू करने के बाद से यह जन्मों की सबसे कम संख्या थी।
यही कारण है कि जापान में विवाहों की संख्या 5.9 प्रतिशत गिरकर 489,281 जोड़ों पर आ गई है, जो 90 वर्षों में पहली बार आधे मिलियन से नीचे है। इस जन्मदर में गिरावट का प्रमुख कारण माना जा रहा है। पैतृक परंपरा पर आधारित पारिवारिक मूल्यों के कारण जापान में विवाह के बाहर जन्म दुर्लभ है। फॉरेन पॉलिसी की रिपोर्ट के अनुसार, जापान ने 2023 में घोषणा की कि वह अपनी कम जन्मदर को ठीक करने के लिए 22 बिलियन डॉलर खर्च करेगा। इसमें 2023 की शुरुआत तक बच्चों की देखभाल पर खर्च को दोगुना करना और बाल नकद लाभ के लिए आय सीमा बढ़ाना शामिल है।