सोशल मीडिया टीकाकरण के बारे मेें कर रहा झूठा  दुष्प्रचार

punjabkesari.in Monday, Jan 28, 2019 - 10:41 AM (IST)

लंदनः एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सोशल मीडिया लगातार टीकाकरण के बारे में फर्जी खबरें फैला रहा है । इस  दुष्प्रचार के कारण पांच में कम से कम 2 अभिभावकों को टीकों को लेकर नकारात्मक संदेशों से वास्ता पड़ता है। ब्रिटेन की रॉयल सोसायटी फॉर पब्लिक हैल्थ (RSPH ) की एक रिपोर्ट के अनुसार टीकों के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में लोगों के मन में ऐसी धारणा बन जाती है कि वे (अपने बच्चों को) टीके नहीं लगवाना चाहते हैं।
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इस गल प्रचार की वजह से ही लोगों में खसरा, गलसुआ, रूबेला (MMR), इंफ्लूएंजा समेत विभिन्न बीमारियों के टीकों के संभावित दुष्प्रभावों को लेकर डर पाया जाने लगा हैं। वैसे तो सभी टीकों में संभावित दुष्प्रभाव होते हैं लेकिन वे महज चंद लोगों पर ही असर डालते हैं और वे भी बहुत मामूली असर होते हैं तथा थोड़े समय के लिए होते हैं जो टाके के फायदे के समक्ष नगण्य हैं।
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RSPH की मुख्य कार्यकारी शिरली क्रैमर ने कहा, ‘‘एंड्री वेकफील्ड ने एमएमआर टीके और स्वलीनता के बीच कथित संबंध को लेकर जो अपना कुख्यात शोधपत्र प्रकाशित कराया था और जिसकी अब व्यापक रुप से कोई साख नहीं है, उसके अब 21 साल हो गए हैं लेकिन यूरोप अब भी उसके प्रभाव के गिरफ्त में है। हमने हाल के वर्षों में खसरों की दर में तेजी देखी है।’’ क्रैमर ने कहा, ‘‘21 वीं सदी में टीके से रोकी जा सकने वाली बीमारियों की वापसी होने देना अस्वीकार्य है। ऐसे में यह अहम है कि हम ऐसा सब कुछ करें जो हम कर सकते हैं ताकि ब्रिटेन टीकाकरण में अपना वैश्विक नेता का दर्जा कायम रख सके।’’

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Tanuja

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