चीन में कोरोना से हाहाकार,  शंघाई में सेना ने संभाली कमान, दूसरे शहरों से भेजे गए 15 हजार स्वास्थ्यकर्मी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 06, 2022 - 03:49 PM (IST)

बीजिंगः चीन में बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 13,000 से अधिक नए मामले आने के बाद यहां हाहाकार मची हुई है। टेंशन कीबैत यह है कि इनमें से लगभग 12,000 संक्रमित एसिम्टोमैटिक यानी बिना लक्षण वाले हैं और तकरीबन 9,000 मामले अकेले शंघाई से जुड़े हुए हैं। शंघाई में कोरोना वायरस संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए संघर्ष कर रहे चीन ने देशभर से 10,000 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को अपने सबसे बड़े शहर रवाना किया। इनमें 2,000 से अधिक सैन्य चिकित्साकर्मी भी शामिल हैं।

 

शंघाई में दो चरण वाले लॉकडाउन के सोमवार को दूसरे सप्ताह में प्रवेश करने के बीच शहर के ढाई करोड़ बाशिंदों की सामूहिक कोविड-19 जांच जारी है। चाइना डेली ‘के मुताबिक, सोमवार तड़के पड़ोसी जियांग्सू और झेजियांग से लगभग 15,000 चिकित्साकर्मियों को बसों के जरिये शंघाई रवाना किया गया। एक सैन्य अखबार के अनुसार, इससे पहले रविवार को सेना, नौसेना और संयुक्त लॉजिस्टिक सहयोग बल के 2,000 से अधिक कर्मी शंघाई पहुंचे थे।   चार अन्य प्रांतों ने भी बड़ी संख्या में अपने चिकित्सकों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को शंघाई भेजा है।

 

कर्मचारियों को पृथक रखकर भले ही कई कारखाने और वित्तीय कंपनियां अपना कामकाज जारी रखने में सफल रही हैं, लेकिन लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से चीन की आर्थिक राजधानी एवं प्रमुख नौवहन व विनिर्माण केंद्र पर पड़ने वाले संभावित वित्तीय प्रभावों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। सार्स-कोव-2 वायरस का बेहद संक्रामक स्वरूप ‘ओमिक्रॉन बीए-2’ अपनी जीरो-कोविड स्थिति बरकरार रखने की चीन की रणनीति की परीक्षा ले रहा है। चीन की रणनीति का मकसद जांच में संक्रमण की पुष्टि के बाद सभी संक्रमितों को पृथक करके वायरस के प्रसार पर लगाम लगाना है, फिर चाहे उनमें लक्षण उभरे हों या नहीं।

 

शंघाई ने एक प्रदर्शनी हॉल और अन्य प्रतिष्ठानों को बड़े पृथकवास केंद्रों में तब्दील कर दिया है, जहां अस्थायी रूप से विभाजित बेड पर हल्के या बिना लक्षण वाले संक्रमितों को रखा जा रहा है।  इसके अलावा शंघाई में अभिभावकों को कोरोना वायरस से संक्रमित अपने बच्चों के साथ रहने की अनुमति दे दी गई है। शहर के स्वास्थ्य आयोग के शीर्ष निरीक्षक वू गैन्यू ने बुधवार को कहा कि वे माता-पिता जो स्वास्थ्य जोखिमों से पूरी तरह से अवगत हैं और समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं, उन्हें अपने बच्चों के साथ निगरानी केंद्रों में रहने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, गैन्यू ने पत्रकारों से कहा कि माता-पिता के लिए मास्क पहनना और अलग होकर भोजन करना अनिवार्य रहेगा। साथ ही उन्हें अन्य कोविड-19 नियमों का भी सख्ती से पालन करना होगा।


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Content Writer

Tanuja

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