क्राउन प्रिंस का ऐतिहासिक फैसला, सऊदी में अब 73 साल बाद मिल सकेगी शराब

punjabkesari.in Tuesday, May 27, 2025 - 11:45 AM (IST)

Riyadh: शरिया कानूनों के सख्त पालन के लिए प्रसिद्ध सऊदी अरब अब एक ऐतिहासिक सामाजिक बदलाव की ओर बढ़ रहा है। देश के गठन के 93 साल बाद और शराब पर पूर्ण प्रतिबंध के 73 साल बाद, अब पहली बार सरकार शराब बिक्री पर आंशिक रूप से बैन हटाने जा रही है। यह निर्णय पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि यह बदलाव एक बेहद धार्मिक और रूढ़िवादी माने जाने वाले इस्लामी राष्ट्र की छवि को आधुनिक वैश्विक मंच पर तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम है।

 

क्यों लिया गया ये बड़ा फैसला? 
सऊदी सरकार ने यह निर्णय मुख्य रूप से  अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने और वर्ल्ड एक्सपो 2030  व फीफा वर्ल्ड कप 2034 जैसे वैश्विक आयोजनों की मेज़बानी को ध्यान में रखते हुए लिया है। इन आयोजनों के दौरान विदेशी पर्यटकों और प्रतिनिधियों की आवश्यकताओं को पूरा करना, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बने रहना और देश की अर्थव्यवस्था को विविधतापूर्ण बनाना इस बदलाव के पीछे की प्रमुख सोच है।

 
MBS की अगुवाई में बदलाव की बयार 
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के सत्ता में आने के बाद सऊदी अरब में कई बड़े सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव हुए हैं:

  • महिलाओं को ड्राइविंग की अनुमति।
  •  सार्वजनिक मनोरंजन जैसे सिनेमा और म्यूजिक इवेंट की शुरुआत।
  •  विदेशी पर्यटकों के लिए वीज़ा नीति में ढील।
  •  अब शराब नीति में आंशिक सुधार।

MBS का मानना है कि यह बदलाव  धार्मिक मूल्यों की गरिमा बनाए रखते हुए आधुनिकता के साथ सामंजस्य** स्थापित करने की दिशा में एक संतुलित कदम है।

 

कहां और किनके लिए मिलेगी शराब? 

  •  केवल विदेशी गैर-मुस्लिम पर्यटकों को शराब खरीदने की अनुमति होगी।
  •  600 पर्यटक स्थलों पर शराब उपलब्ध होगी।
  •  केवल 5-स्टार होटल्स, रिसॉर्ट्स और विदेशी ज़ोन में बिक्री संभव।
  •  20% से अधिक अल्कोहल वाली ड्रिंक्स पर अब भी बैन रहेगा।
  •  स्थानीय नागरिकों के लिए शराब पर बैन जारी रहेगा ।
  •  सार्वजनिक स्थानों, दुकानों या घरों में शराब रखना या पीना अभी भी अपराध रहेगा।

 

रियाद में खुली पहली शराब की दुकान 
2024 में रियाद के  डिप्लोमैटिक ज़ोन में सऊदी अरब की पहली शराब की दुकान खोली गई थी। यह सिर्फ गैर-मुस्लिम राजनयिकों  के लिए थी। इसमें कड़ी सुरक्षा, मोबाइल ऐप द्वारा पहचान और खरीद प्रक्रिया, और दुकान के अंदर मोबाइल ले जाने पर रोक जैसे नियम लागू थे। यह सऊदी सरकार का एक नियंत्रित प्रयोग था, जिससे यह परखा गया कि इस तरह के सुधार  कैसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना लागू किए जा सकते हैं ।

 

 विश्वस्तर पर छवि सुधार की कवायद 
सऊदी अरब 2030 में  वर्ल्ड एक्सपो और 2034 में  फीफा वर्ल्ड कप की मेज़बानी करेगा। ऐसे आयोजनों के लिए दुनियाभर से लाखों पर्यटकों और प्रतिनिधियों का आना तय है। इसलिए सरकार की कोशिश है कि विदेशी मेहमानों को वैश्विक मानकों के अनुभव उपलब्ध कराए जाएं, ठीक वैसे ही जैसे दुबई और कतर जैसे इस्लामी देश पहले कर चुके हैं। सऊदी अरब में शराब पर आंशिक ढील महज एक नीति बदलाव नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और सामाजिक युग परिवर्तन का संकेत है। यह दिखाता है कि अब सऊदी अरब धार्मिक मूल्यों की मर्यादा बनाए रखते हुए, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और आधुनिकता को गले लगाने के लिए तैयार है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Related News