Video: रूस ने जल में उतारी सबसे खतरनाक पनडुब्बी! रक्षा मंत्री आंद्रेई बोले-यह नौसैनिक इतिहास के नए युग की शुरुआत
punjabkesari.in Sunday, Nov 02, 2025 - 07:00 PM (IST)
International Desk: रूस ने अपने नये परमाणु पनडुब्बी का जलावतरण किया है, जो ‘पोसेइडॉन' परमाणु ड्रोन से लैस है। इसे 'डूम्सडे मिसाइल (प्रलयकारी मिसाइल)' कहा जा रहा है, जो तटीय देशों को “नष्ट” कर देने में सक्षम है।। मीडिया के मुताबिक, रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव ने सेवमाश शिपयार्ड के सेवेरोद्विंस्क में रूसी नौसेना प्रमुख एडमिरल अलेक्जेंडर मोइसेयेव और अन्य शीर्ष जहाज निर्माण अधिकारियों की उपस्थिति में एक भव्य समारोह में परमाणु पनडुब्बी ‘खाबरोवस्क' का जलावतरण किया।
बेलौसोव ने शनिवार देर रात टेलीविजन पर प्रसारित अपने संबोधन में कहा,‘‘आज हमारे लिए एक महत्वपूर्ण घटना है - परमाणु ऊर्जा से चालित मिसाइल क्रूजर खाबरोवस्क का प्रसिद्ध सेवमाश से जलावतरण किया जा रहा है।''बेलौसोव ने अपने संबोधन में कहा,“आज हमारे लिए एक ऐतिहासिक दिन है। परमाणु ऊर्जा से संचालित मिसाइल क्रूजर खाबरोवस्क का सेवमाश शिपयार्ड से जलावतरण रूस की रक्षा क्षमता में एक नया अध्याय जोड़ता है।”
that's Poseidon, Russia's 100T underwater nuclear drone, that can create a 200m high radioactive tsunami, that can wipe off entire coastlines.pic.twitter.com/mb0sHIzpIC
— Tekzilver 🇮🇳 ✝️☮️ (@tekzilver) October 30, 2025
सेवमाश शिपयार्ड में इससे पहले भारत के लिए विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य का नवीनीकरण किया गया था। रूस की समाचार एजेंसी ‘तास' के मुताबिक, रक्षा मंत्री ने रेखांकित किया कि पानी के नीचे के हथियारों और रोबोटिक प्रणाली से लैस यह पनडुब्बी रूस को अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दुनिया के महासागरों के विभिन्न क्षेत्रों में अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में सक्षम बनाएगी।
रूस के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, खाबरोवस्क परमाणु पनडुब्बी को रुबिन, सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ऑफ मरीन इंजीनियरिंग द्वारा डिजाइन किया गया है। इसका उद्देश्य विभिन्न उद्देश्यों के लिए पानी के नीचे रोबोटिक प्रणालियों सहित आधुनिक हथियारों का उपयोग करके नौसेना के मिशनों को पूरा करना है। कोमर्सेंट अखबार के मुताबिक, ‘‘पोसेइडॉन पनडुब्बियों और आधुनिक टॉरपीडो की गति से परे जाकर काम करने में सक्षम है। यह बहुत गहराई में और अंतरमहाद्वीपीय दूरी तक यात्रा तय कर सकते हैं। उम्मीद है कि खाबरोवस्क-श्रेणी की पनडुब्बियां इस हथियार की मुख्य वाहक होंगी।''
