लीक हुए दस्तावेज़ों में खुलासा- रूस को सता रहा चीन के आक्रमण का डर

punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2024 - 01:54 PM (IST)

International Desk:  हाल ही में लीक हुए दस्तावेज़ों से पता चला है कि चीन  रूस पर आक्रमण की तैयारी कर रहा है और रूस इस मुद्दे को लेकर  लेकर गंभीर चिंता में है। यह जानकारी इस बात की ओर इशारा करती है कि रूस अपनी पूर्वी सीमाओं पर संभावित चीनी आक्रमण को लेकर गहरे आशंकित है। रूस की चिंताओं का मुख्य कारण चीन की विस्तारवादी नीतियाँ और उसकी सैन्य गतिविधियाँ हैं। लीक हुए दस्तावेज़ों में उल्लेख किया गया है कि रूस को डर है कि चीन अपनी सीमाओं का विस्तार कर सकता है और रूस के पूर्वी हिस्से पर आक्रमण कर सकता है।

 

🇷🇺🇨🇳RUSSIA FEARS CHINESE INVASION

Leaked documents revealed that Russia is deeply worried about Chinese aggression.

Russia is concerned about China's expansionism and worried that it could make a move on its eastern border.

Last year, Russia exercised nuclear-capable missiles… pic.twitter.com/G8EXBovoHr

— Mario Nawfal (@MarioNawfal) August 31, 2024

रूस ने इस चिंतन को ध्यान में रखते हुए पिछले साल चीन की सीमा से सटे क्षेत्रों में दो बार परमाणु क्षमता वाले मिसाइलों का परीक्षण किया। यह परीक्षण रूस की सैन्य रणनीति का हिस्सा था, जिसमें उन्होंने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की तैयारी की थी यदि चीनी आक्रमण की स्थिति उत्पन्न हो। लीक हुए दस्तावेज़ों में यह भी खुलासा हुआ है कि रूस ने चीनी सैनिकों के खिलाफ अंतिम विकल्प के रूप में परमाणु हथियारों का उपयोग करने की योजना बनाई है। दस्तावेज़ों के अनुसार, अगर स्थिति अत्यधिक गंभीर हो जाती है और चीन की सेना रूसी क्षेत्र में घुसपैठ करती है, तो रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।

 

रूस की सैन्य रणनीति में यह एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसे रूस अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए अपनाए हुए है। इस रणनीति के तहत रूस ने अपने परमाणु हथियारों की तैनाती और उपयोग की योजना बनाई है ताकि किसी भी संभावित चीनी आक्रमण को रोकने के लिए एक ठोस deterrent प्रभाव बनाया जा सके। रूस और चीन के बीच के इन संभावित तनावों के बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इन घटनाओं को ध्यानपूर्वक देखा है। इन दस्तावेज़ों का लीक होना एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जो रूस और चीन के बीच तनाव और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को उजागर करता है। यह वैश्विक राजनीति और सुरक्षा परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत हो सकता है।

 

 


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Content Writer

Tanuja

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