अफगानिस्तान में जनविद्रोहः जलालाबाद में लोगों ने तालिबान का झंडा उतारा, आंतकियों ने भीड़ पर की फायरि

punjabkesari.in Wednesday, Aug 18, 2021 - 04:17 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान के जलालाबाद में स्थानीय निवासियों ने तालिबान के शासन को ठुकराते हुए उसके झंडे को उतार दिया और उसकी जगह लाल, काले और हरे झंडे लगा दिए।  लोगों की इस हरकत से भड़के तालिबान ने अफगान लोगों पर गोलियां चलाईं । घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। वीडियो में तालिबान आतंकवादियों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग करते देखा जा सकता है।  बता दें  कि काबुल में करीब 20 साल बाद तालिबान की वापसी हो चुकी है। आतंकी समूह देश में अब अपने हिसाब से नए परिवर्तन लागू कर रहा है। भले ही हजारों अफगान डरे हुए हैं और देश छोड़कर भागना चाहते हैं लेकिन कुछ नागरिक तालिबान के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं है।

सत्ता पर कब्जा करने के बाद तालिबान अफगानिस्तान के झंडे की जगह अपना झंडा फहरा रहा है और अफगान लगातार इस बदलाव का विरोध कर रहे हैं। तालिबान को खुले विद्रोह का डर है इसलिए वह लोगों को खौफ से काबू करने की कोशिश में लगा हुआ है। तालिबान ने जगह-जगह अपने झंडे लगा दिए हैं। बुधवार को जलालाबाद के निवासियों ने एक मीनार पर लगे तालिबानी झंडे को नीचे उतारा और उसकी जगह अफगानिस्तान का झंडा फहराया।

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कार्यालयों पर तालिबान के झंडे की जगह अफगानिस्तान का झंडा फहराने की मांग को लेकर स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए। लोगों ने हाथों में अफगान झंडा लेकर मार्च किया और तालिबानी परिवर्तन का विरोध किया । स्थानीय समाचार एजेंसी पझवोक अफगान न्यूज के मुताबिक तालिबान ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। तालिबान लड़ाकों ने विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे कुछ पत्रकारों की भी पिटाई की।

 

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सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में सैकड़ों लोगों को अफगानिस्तान का झंडा लेकर मार्च निकालते देखा जा सकता है। वीडियो के बैकग्राउंड में गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है जिसके बाद प्रदर्शनकारी तितर-बितर हो गए। किसी के हताहत होने की पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है। बता दें कि अमेरिका समर्थित अफगान सरकार के गिरने के बाद तालिबान के आतंकवादियों ने रविवार को काबुल पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए। इससे अमेरिका एवं इसके सहयोगियों द्वारा युद्धगस्त देश में सुधार लाने के दो दशकों का प्रयास भी खत्म हो गया। अमेरिका, भारत और यूरोपीय संघ सहित काबुल में स्थित अधिकतर दूतावास अपने कर्मचारियों को बाहर निकाल रहे हैं।

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Content Writer

Tanuja

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