मुंबई आतंकवादी हमले की यादें अब भी ताजा : अमेरिका
punjabkesari.in Tuesday, Feb 07, 2023 - 09:48 AM (IST)

वाशिंगटन, सात फरवरी (भाषा) मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमले की यादें भारत और अमेरिका दोनों देशों के जेहन में अब भी ताजा हैं। बाइडन प्रशासन ने सोमवार को यह बात कही।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “2008 में मुंबई में जो आतंकवादी हमला हुआ था, उसकी यादें बेशक आज भी ताजा हैं। वे भयानक यादें यहां (अमेरिका) और भारत में अब भी ताजा हैं।” उन्होंने कहा, “हम सब उस दिन के भयानक मंजर को याद कर सकते हैं, होटल पर हमला, उससे हुआ रक्तपात, और यही कारण है कि हमने इसके साजिशकर्ताओं की जवाबदेही तय करने पर जोर देना जारी रखा है, न सिर्फ उन हमलावरों की जवाबदेही, जिन्होंने उस दिन इतने निर्दोष लोगों की जान ली, बल्कि उन आतंकवादी समूहों की भी, जिनका हाथ इस हमले के पीछे था और जिन्होंने इन्हें अंजाम देने में मदद की थी।” भारत के इतिहास में हुए सबसे भयानक आतंकवादी हमलों में से एक 26/11 के मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे। इस दौरान, भारतीय सुरक्षा बलों ने हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तान के 10 आतंकवादियों में से नौ को मार गिराया था, जबकि अजमल कसाब इकलौता आतंकी था, जिसे जिंदा पकड़ा गया था। कसाब को चार साल बाद 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “2008 में मुंबई में जो आतंकवादी हमला हुआ था, उसकी यादें बेशक आज भी ताजा हैं। वे भयानक यादें यहां (अमेरिका) और भारत में अब भी ताजा हैं।” उन्होंने कहा, “हम सब उस दिन के भयानक मंजर को याद कर सकते हैं, होटल पर हमला, उससे हुआ रक्तपात, और यही कारण है कि हमने इसके साजिशकर्ताओं की जवाबदेही तय करने पर जोर देना जारी रखा है, न सिर्फ उन हमलावरों की जवाबदेही, जिन्होंने उस दिन इतने निर्दोष लोगों की जान ली, बल्कि उन आतंकवादी समूहों की भी, जिनका हाथ इस हमले के पीछे था और जिन्होंने इन्हें अंजाम देने में मदद की थी।” भारत के इतिहास में हुए सबसे भयानक आतंकवादी हमलों में से एक 26/11 के मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे। इस दौरान, भारतीय सुरक्षा बलों ने हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तान के 10 आतंकवादियों में से नौ को मार गिराया था, जबकि अजमल कसाब इकलौता आतंकी था, जिसे जिंदा पकड़ा गया था। कसाब को चार साल बाद 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई थी।
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