ग्वांतानामो बे हिरासत केंद्र से 15 साल बाद रिहा हुआ अफगान नागरिक
punjabkesari.in Friday, Jun 24, 2022 - 05:33 PM (IST)

इस्लामाबाद, 24 जून (एपी) करीब 15 साल तक अमेरिकी हिरासत में रहे एक अफगान कैदी को आखिरकार ग्वांतानामो बे हिरासत केंद्र से रिहा कर दिया गया है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार और एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
तालिबान के उप संस्कृति और सूचना मंत्री जबीहुल्लाह मुजाहिद ने असदुल्ला हारून गुल नामक अफगान नागरिक की रिहाई की घोषणा की।
जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट कर बताया कि गुल ग्वांतानामो बे हिरासत केंद्र में रखे गए अंतिम दो अफगान कैदियों में से एक था।
अमेरिका ने राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान 9/11 के हमलों और अफगानिस्तान पर आक्रमण के बाद जनवरी 2002 में यह हिरासत केंद्र खोला गया था।
इसका उद्देश्य उस समय अल-कायदा या तालिबान से संबंध रखने वाले संदिग्ध कैदियों को पकड़ना और उनसे पूछताछ करना था। बाद में बड़ी संख्या में कई देशों के संदिग्धों को वहां भेजा गया था।
कैदियों को परेशान करने और उन्हें प्रताड़ित करने संबंधी रिपोर्ट सामने आने के बाद हिरासत केंद्र कुख्यात हो गया था।
जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत के परिणामस्वरूप असदुल्ला हारून गुल को तालिबान की सरकार को सौंप दिया गया था।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘अफगानिस्तान के प्रयासों और अमेरिका के साथ सीधी और सकारात्मक बातचीत के परिणामस्वरूप, शेष दो बंदियों में से एक असदुल्ला हारून को ग्वांतानामो जेल से रिहा कर दिया गया है।’’
एपी रवि कांत नरेश नरेश 2406 1734 इस्लामाबाद
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
तालिबान के उप संस्कृति और सूचना मंत्री जबीहुल्लाह मुजाहिद ने असदुल्ला हारून गुल नामक अफगान नागरिक की रिहाई की घोषणा की।
जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट कर बताया कि गुल ग्वांतानामो बे हिरासत केंद्र में रखे गए अंतिम दो अफगान कैदियों में से एक था।
अमेरिका ने राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान 9/11 के हमलों और अफगानिस्तान पर आक्रमण के बाद जनवरी 2002 में यह हिरासत केंद्र खोला गया था।
इसका उद्देश्य उस समय अल-कायदा या तालिबान से संबंध रखने वाले संदिग्ध कैदियों को पकड़ना और उनसे पूछताछ करना था। बाद में बड़ी संख्या में कई देशों के संदिग्धों को वहां भेजा गया था।
कैदियों को परेशान करने और उन्हें प्रताड़ित करने संबंधी रिपोर्ट सामने आने के बाद हिरासत केंद्र कुख्यात हो गया था।
जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत के परिणामस्वरूप असदुल्ला हारून गुल को तालिबान की सरकार को सौंप दिया गया था।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘अफगानिस्तान के प्रयासों और अमेरिका के साथ सीधी और सकारात्मक बातचीत के परिणामस्वरूप, शेष दो बंदियों में से एक असदुल्ला हारून को ग्वांतानामो जेल से रिहा कर दिया गया है।’’
एपी रवि कांत नरेश नरेश 2406 1734 इस्लामाबाद
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