डेनियल पर्ल के हत्या के आरोपी तीन माह और जेल में रहेंगे
punjabkesari.in Wednesday, Oct 07, 2020 - 05:31 PM (IST)
इस्लामाबाद,सात अक्टूबर (भाषा) अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले के मुख्य आरोपी एवं अलकायदा सरगना अहमद उमर सईद शेख और उसके तीन सहयोगियों को अगले तीन माह जेल में ही गुजारने होंगे। पाकिस्तान के सिंध प्रांत की सरकार की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
शेख की रिहाई के लिए उच्चतम न्यायालय में चल रही सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने उनकी हिरासत को बढ़ाने की घोषणा की । शीर्ष अदालत ने उन्हें रिहा करने पर सरकार पर पिछले सप्ताह रोक लगाई थी। पर्ल के परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील फैसल सिद्दिकी ने मीडिया को बताया कि सरकारी वकील फैज शाह ने न्यायाधीशों से कहा कि उन्हें मामले की तैयारी के लिए और समय चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने उसके तर्क को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 21अक्टूबर को करने की बात कही। गौरतलब है कि अप्रैल में सिंध उच्च न्यायालय की एक दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने 2002 में पर्ल के अपहरण और हत्या में दोषी ठहराए गए 46 वर्षीय शेख की मौत की सजा को घटा कर सात साल की कारावास कर दिया था। अदालत ने उनके तीन सहयोगियों को भी बरी कर दिया जो मामले में ताउम्र कैद की सजा काट रहे थे। इसके दो दिन बाद सिंध सरकार ने चारों दोषियों को जेल में रखने के लिए जन सुरक्षा कानून लगा दिया था।
सिंध सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
शेख की रिहाई के लिए उच्चतम न्यायालय में चल रही सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने उनकी हिरासत को बढ़ाने की घोषणा की । शीर्ष अदालत ने उन्हें रिहा करने पर सरकार पर पिछले सप्ताह रोक लगाई थी। पर्ल के परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील फैसल सिद्दिकी ने मीडिया को बताया कि सरकारी वकील फैज शाह ने न्यायाधीशों से कहा कि उन्हें मामले की तैयारी के लिए और समय चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने उसके तर्क को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 21अक्टूबर को करने की बात कही। गौरतलब है कि अप्रैल में सिंध उच्च न्यायालय की एक दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने 2002 में पर्ल के अपहरण और हत्या में दोषी ठहराए गए 46 वर्षीय शेख की मौत की सजा को घटा कर सात साल की कारावास कर दिया था। अदालत ने उनके तीन सहयोगियों को भी बरी कर दिया जो मामले में ताउम्र कैद की सजा काट रहे थे। इसके दो दिन बाद सिंध सरकार ने चारों दोषियों को जेल में रखने के लिए जन सुरक्षा कानून लगा दिया था।
सिंध सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
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