जानिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को न्यूजीलैंड पहुंचने पर क्यों रगडऩी पड़ी नाक

punjabkesari.in Saturday, Apr 30, 2016 - 08:24 PM (IST)

ऑकलैंड: भारत की ‘लुक ईस्ट’ नीति के ‘एक्ट ईस्ट’ में समाहित होने के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज न्यूजीलैंड के साथ करीबी रिश्तों की हिमायत की और कहा कि भारत की सामरिक सोच और आर्थिक भागीदारी में क्षेत्र ने अधिक महत्व हासिल किया है। इस दौरान राष्ट्रति को परंपरागत स्वागत के तहत माओरी समुदाय के एक मुखिया के साथ नाक रगडऩी पड़ी।
 
राष्ट्रपति भवन की ओर से एक ट्वीट में कहा गया है कि माओरी योद्धा शुरू में आगंतुक का स्वागत आक्रामकता के साथ करते हैं, क्योंकि वे नहीं जानते कि आगंतुक दोस्त है या दुश्मन। इसके बाद उन लोगों ने राष्ट्रपति मुखर्जी के सामने एक पौधा फर्न रखा और कहा कि यदि दोस्ती के नाते वहां पहुंचे हैं तो उसे उठाएं। जब वे संतुष्ट हो गए कि राष्ट्रपति दोस्ती के नाते आए हैं, तब उन्हें अपने पीछे आने के लिए कहा। माओरी पुरुष और महिलाओं ने उसके बाद एक दोस्त के रूप में राष्ट्रपति के स्वागत में गीत-नृत्य पेश किए। यह समारोह दोस्ती में राष्ट्रपति मुखर्जी और माओरी प्रमुख के बीच नाक रगडऩे की परंपरा का पालन करते हुए पूर्ण हुआ। इसके बाद न्यूजीलैंड के गवर्नर जनरल सर जेरी मातेपारे ने यहां गवर्नमेंट हाउस में उनकी अगवानी की और उनका पारंपरिक स्वागत किया।
 
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मेरा विश्वास है कि यह क्षेत्र व्यापार और निवेश के साथ ही लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की विशाल क्षमता रखता है। जो हालांकि मुक्त व्यापार संधि पर केंद्रित है और न्यूजीलैंंड के प्रधानमंत्री जॉन की के अनुसार उनका देश एफटीए पर आगे बढऩा चाहता है। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के हवाले से अन्य मीडिया खबरों में कहा गया कि भारतीय राष्ट्रपति का दौरा व्यापार पर बात करने और द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा का अच्छा अवसर है। 

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