चीन में जब्त किए गए दलाई लामा के चित्र: रिपोर्ट

punjabkesari.in Wednesday, Feb 03, 2016 - 03:57 PM (IST)

बीजिंग:एक चीनी प्रांत ने दुकानदारों को तिब्बतियों के धर्मगुरू दलाईलामा के चित्र अधिकारियों के सुपुर्द करने का आदेश दिया है । इस प्रांत में बड़ी संख्या में तिब्बती रहते हैं । सरकारी मीडिया ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित दलाई लामा की तुलना फांसी पर लटकाए गए इराकी नेता सद्दाम हुसैन से करते हुए बीजिंग के विशेषज्ञों के हवाले से यह बात बताई ।

सत्तारूढ कम्युनिस्ट पार्टी के नजदीकी माने जाने वाले समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि दक्षिणपश्चिम में स्थित सिचुआन प्रांत में इस मुहिम को लागू करने के लिए सांस्कृतिक ब्यूरो कर्मियों, पुलिस और अन्य अधिकारियों का ‘‘कानून प्रवर्तन दल’’ गठित किया गया है । इस प्रांत में तिब्बतियों के कई इलाके हैं । समाचार पत्र ने प्रांतीय प्रचार विभाग के निदेशक गोउ यादोंग के हवाले से कहा कि इस मुहिम का लक्ष्य चंद्र नववर्ष से पहले ‘‘ अश्लील साहित्य और दलाई लामा के चित्रों समेत अवैध प्रकाशन पर लगाम कसना है ।’’

ग्लोबल टाइम्स ने बीजिंग में चाइना तिब्बतोलॉजी रिसर्च सेंटर के लियान शियांगमिन के हवाले से कहा कि चीनी लोगों के लिए उनकी (दलाई लामा) तस्वीर टांगना उसी तरह है जैसे अमेरिकियों को सद्दाम हुसैन की तस्वीर दिखाना । पूर्व इराकी नेता को मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में दोषी पाए जाने के बाद 2006 में मौत की सजा दी गई थी जबकि बार बार हिंसा की आलोचना करने वाले दलाई लामा को 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।

सिचुआन में यह कदम एेसे समय पर उठाया गया है जब तिब्बितयों द्वारा व्यापक रूप से अब भी पूजनीय माने जाने वाले धर्म गुरू के खिलाफ बीजिंग ने मुहिम तेज कर दी है । बीजिंग उन्हें खतरनाक अलगाववादी बताता है जबकि दलाई लामा ने अपने बयानों में बार बार हिंसा की आलोचना की है । चीन तिब्बत में उनके चित्रों पर कड़ा नियंत्रण रखता है जिसे कई तिब्बती उनके धर्म एवं संस्कृति के आधिकारिक दमन के लिए उठाए जाने के वाले कदम के तौर पर देखते हैं । लेकिन चीन दमन की बात से इंकार करता रहा है और उसका कहना है कि उसने तिब्बत में बड़ा निवेश किया है जिसके कारण पहले गरीबी से जूझ रहे तिब्बत में विकास हुआ है।


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