फाइजर का दावाः बच्चों में कोविड-19 का टीका 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी

punjabkesari.in Friday, Oct 22, 2021 - 07:07 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः दवा निर्माता कंपनी फाइजर ने शुक्रवार को जारी विस्तृत अध्ययन में रिपोर्ट में दावा किया कि बच्चों के लिए तैयार उसका कोविड-19 टीका पांच से 11 साल के बच्चों में संक्रमण के लक्षण उभरने से रोकने में करीब 91 प्रतिशत प्रभावी है। यह अध्ययन रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब अमेरिका इस आयु वर्ग के लिए टीकाकरण पर विचार कर रहा है। माना जा रहा है कि अगर नियामक ने मंजूरी दी तो अमेरिका में नवंबर के प्रारंभ से बच्चों के टीकाकरण की शुरुआत हो सकती है ताकि क्रिसमस तक इस वर्ग को सुरक्षा कवच मुहैया कराए जा सके। फाइजर के अध्ययन को ऑनलाइन प्रकाशित किया गया।

उम्मीद की जा रही है कि अमेरिका खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) दिन में ही कंपनी के सुरक्षा और प्रभाव संबंधी आंकड़ों की स्वतंत्र समीक्षा प्रकाशित करेगा। एफडीए के सलाहकार सार्वजनिक रूप से सबूतों पर अगले सप्ताह बहस करेंगे। यदि एजेंसी अंतत: टीके को मंजूरी देती है तो रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) इस बात का अंतिम फैसला लेगा कि इस टीके को किसे दिया जाना चाहिए। फाइजर के टीके को पहले ही 12 से अधिक आयु के लोगों के लिए अधिकृत किया जा चुका है किंतु बाल रोग विशेषज्ञ और कई अभिभावक अधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप के मद्देनजर छोटे बच्चों के लिए टीके का उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे है, ताकि बच्चों को स्कूल भेजने में मदद मिल सके।

अमेरिका में 25 हजार से अधिक बाल रोग चिकित्सक और प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराने वाले बच्चों को टीका देने का करार कर चुके हैं। फाइजर ने यह आकलन 2,268 बच्चों पर किए अध्ययन के आधार पर किया है। अध्ययन में शामिल बच्चों को तीन सप्ताह के अंतर पर प्रोयोगिक औषधि या टीके की कम मात्रा वाली खुराक दी गई। प्रत्येक खुराक की मात्रा किशोरों और वयस्कों को दी जा रही खुराक की एक तिहाई थी।

अनुसंधानकर्ताओं की गणना के मुताबिक टीके की कम मात्रा 91 प्रतिशत तक इस आयु वर्ग के बच्चों में प्रभावी है। अध्ययन में भी यह भी पता चला कि इन बच्चों में कोई दुष्प्रभाव नहीं हुआ बल्कि बिना टीका नहीं लगवाने वाले समकक्षों के मुकाबले हल्के लक्षण उभरे। अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक छोटे बच्चों को टीके की सीमित खुराक देने पर भी किशोरों और वयस्कों की तरह कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए उनके शरीर में एंटीबॉटी विकसित हुई।

गौरतलब है कि सीडीसी ने इस सप्ताह के शुरुआत में जारी रिपोर्ट में कहा था कि जून और सितंबर में डेल्टा स्वरूप के प्रसार के दौरान फाइजर का टीका 12 से 18 साल आयुवर्ग के लोगों में 93 प्रतिशत तक प्रभावी रहा और संक्रमण के बावजूद अस्पताल में भर्ती होने से बचाया। फाइजर ने अपने अध्ययन में पाया कि छोटे बच्चों में टीके की कम खुराक सुरक्षित है लेकिन हाथ में सूजन, बुखार और दर्द जैसे अस्थायी लक्षण उभर सकते हैं। गौरतलब है कि मॉडर्ना भी बच्चों पर अपने कोविड- टीके का परीक्षण कर रही है और इस साल के अंत तक उसके अध्ययन के परीणाम आने की उम्मीद है।


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Content Writer

Yaspal

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