पाकिस्तान में महाराजा रणजीत सिंह की पुश्तैनी हवेली का हिस्सा बारिश के कारण धराशायी

punjabkesari.in Saturday, Aug 13, 2022 - 11:01 AM (IST)

पेशावरः पाकिस्तान के गुजरांवाला में 12 अगस्त को महाराजा रणजीत सिंह की पैतृक हवेली का एक बड़ा हिस्सा, जहां उनका जन्म हुआ था, भारी बारिश के कारण ढह गया। यह शेर-ए-पंजाब की विरासत के प्रति पाकिस्तान सरकार की उदासीनता को दर्शाता है।  हालांकि कुछ दिन पूर्व ही जिले के सहायक आयुक्त ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ उक्त हवेली का दौरा किया और उसे पूरी तरह सुरक्षित घोषित किया था  और इसे पर्यटकों और विशेष रूप से भारत के सिखों के लिए खोलने का ऐलान किया गया था।

 

इमारत को पाकिस्तान पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित विरासत भवन घोषित किया गया है, लेकिन अधिकारी शायद ही कभी इसे देखने जाते हैं। पाकिस्तान सरकार द्वारा कई बार धन आबंटित किया गया है लेकिन इसके जीर्णोद्वार के लिए उपयोग नहीं किया गया है। इसके अलावा हवेली के आसपास के पूरे इलाके को अवैध दुकानों वाली मछली बाजार में तब्दील कर दिया गया है। 

 

गौरतलब है क पाकिस्तान न केवल भारत के साथ सुरक्षा के मोर्चों पर चुनौती पेश कर रहा है, बल्कि भारत से जुड़े सांस्‍कृतिक धरोहरों की भी अनदेखी कर रहा है। शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की ऐतिहासिक धरोहर की बदहाली इसकी जीवंत मिसाल  है। लाहौर में महाराजा शेर सिंह की ऐतिहासिक बारादरी को पहले ही कूड़े का डंप बना दिया गया है। अब महाराजा रणजीत सिंह की पुश्‍तैनी हवेली का बड़ा हिस्सा भी ढह गया है।

 

जानकारी के अनुसार  गुजरांवाला की हवेली (जिसमें महाराजा रणजीत सिंह का जन्म हुआ था) की निचली मंजिल में देश के बंटवारे के बाद कई सालों तक पुलिस थाना चलता रहा। उसी दौरान हवेली के पिछले हिस्से में 9-10 टॉयलेट बनाए गए थे। सोलों  पहले हवेली से थाना तो हटा दिया गया, लेकिन बदहाल टॉयलेट और उनके बाहर पड़ी गंदगी को नहीं हटाया गया। इसके बाद आसपास के घरों और दुकान वालों ने यहां कचरा फेंकना शुरू कर दिया । गुजरांवाला की पुरानी सब्जी मंडी में मौजूद इस हवेली में आज भी वह शिला मौजूद है, जिस पर अंग्रेजी व उर्दू में महाराजा रणजीत सिंह का जन्म 13 नवंबर, 1780 उकेरा हुआ है।


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Content Writer

Tanuja

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