पाक सुप्रीम कोर्ट ने चेताया, जाली कागजात होने पर शरीफ के बच्चों को हो सकती है जेल

punjabkesari.in Friday, Jul 21, 2017 - 10:44 AM (IST)

इस्लामाबाद: पनामा मामले में बुरी तरह फंसे नवाज शरीफ की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती चली जा रही है। 


जाली दस्तावेज जमा करने की सजा 7 साल की जेल
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को चेताया कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार के खिलाफ धन शोधन की जांच में पनामा पैनल को अगर जाली दस्तावेज सौंपे गए थे तो उनकी संतानों को 7 साल जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है ।  न्यायाधीशों के तीन सदस्यीय पैनल ने चेताया, अदालत में जाली दस्तावेज जमा करने की सजा सात साल की जेल है।न्यायमूर्ति एजाज अफजल की अध्यक्षता वाले जांच पैनल में न्यायमूर्ति शेख अजमत सईद और न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन भी हैं ।


जेआईटी ने 10 जुलाई को सौंपी थी रिपोर्ट 
बता दें कि शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए अदालत की ओर सौंपे गए कार्य पर संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) ने 10 जुलाई को रिपोर्ट सौंपी थी । इसके बाद शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को सुनवाई की शुरुआत के बाद पनामागेट मामले की लगातार चौथे दिन सुनवाई की ।


जेआईटी ने अन्य चीजों के साथ ही कहा कि शरीफ (67) की संतान की ओर से जमा दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ की गई थी। ऊधर दुबई सरकार ने खुलासा किया कि प्रधानमंत्री के बेटे हुसैन नवाज की ओर से मुहैया कराया गया गल्फ स्टील मिल्स का दस्तावेज फर्जी है क्योंकि इन दस्तावेजों का कोई रिकार्ड नहीं था। दरअसल, शरीफ की बेटी मरियम नवाज द्वारा दाखिल 2006 के एक दस्तावेज में केलिबरी फॉन्ट का इस्तेमाल किया गया है, जबकि यह फॉन्ट 2007 तक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं था। इतना ही नहीं यह दस्तावेज लंदन के एक ऑफिस द्वारा शनिवार को जारी किया गया है, जबकि यह दिन आधिकारिक तौर पर छुट्टी का होता है।


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