पाकिस्तान में सुरक्षा को लेकर टेंशन में चीन, CPEC को अफगानिस्तान तक बढ़ाने पर बदल सकता है फैसला

punjabkesari.in Sunday, Nov 13, 2022 - 12:15 PM (IST)

बीजिंग: चीन का अपने आर्थिक गलियारे के विस्तार का सपना पाकिस्तान की वजह से  पूरा होता नहीं दिख रहा है। चीन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के संकल्प करने के बावजूद पाकिस्तान CPEC के विस्तार का काम अफगानिस्तान में नहीं कर पा रहा है। पाकिस्तान के सुरक्षा न दे पाने के कारण इसमें देरी हो रही है, जिससे चीन असंतुष्ट है।जियोपॉलिटिक की रिपोर्ट के मुताबिक  चीन ने पाकिस्तान के साथ मिल कर  CPEC का विस्तार अफगानिस्तान  तक करना चाहता था लेकिन उसे डर है कि उसे वहां उसी तरह की आतंकी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा जो वह अभी पाकिस्तान में झेल रहा है।

 

अफगानिस्तान में बुनियादी ढांचा कमजोर है और निवेश को अवशोषित करने की कम क्षमता है। साथ ही तालिबान शासन को विरोध करने वाले इस्लामी समूहों जैसे IS से बड़ा खतरा है। सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान में शोध विश्लेषक क्लाउडिया चिया यी एन ने कहा, 'तालिबान को शुरू से चीनी निवेश की उम्मीद थी। लेकिन यह पूरा नहीं हो सका है। चीन लगातार निवेश के लिए अनिच्छुक है।' उन्होंने अफगानिस्तान के चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इन्वेस्टमेंट के उपाध्यक्ष खान जान अलोकोज़े का हवाला देते हुए कहा कि चीन की सबसे बड़ी चिंता है कि अफगानिस्तान में कई जगह बड़े कबायली क्षेत्र हैं, जहां सरकार का नियंत्रण नहीं है। 

 

इन इलाकों का उपयोग आतंकियों को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है। अफगानिस्तान तक अपना तेल बेचने के लिए भी रूस को इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अफगानिस्तान से अमेरिका के निकलने के बाद चीन और रूस दोनों ही इस खाली जगह को भरना चाहते हैं। रूस एक मौजूदा व्यापार भागीदार है तो चीन अफगानिस्तान के उन संसाधनों का पता लगाना चाहता है जो खोजे नहीं गए हैं।


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Content Writer

Tanuja

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