कश्मीर मुद्दे पर PAK ने भारत पर लगाया आरोप

punjabkesari.in Friday, Aug 26, 2016 - 03:07 PM (IST)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने आज विश्व समुदाय से कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण हल में योगदान देने की अपील करते हुए कहा कि यह शांतिपूर्ण तरीके से और नतीजा देने वाली तथा सतत वार्ता के जरिए इसका हल करना चाहता है। 

भारत के हठ के चलते वार्ता को नहीं मिली सफलता
विदेश कार्यालय के प्रवकता नफीस जकारिया ने आज साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा, ‘‘पाकिस्तान आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए शांतिपूर्ण संघर्ष के अपने नैतिक, राजनयिक और राजनीतिक समर्थन को जारी रखेगा ।’’ उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि पाकिस्तानी राजनयिक विश्व समुदाय को कश्मीरियों की कथित दुदर्शा की जानकारी दे रहे हैं । उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण हल में अपनी भूमिका अदा करनी चाहिए । प्रवक्ता ने कहा कि घाटी की नाजुक स्थिति में पाकिस्तान ने भारत को वार्ता का न्योता पहले ही दिया है । उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि वार्ता में कश्मीर मुद्दा शीर्ष पर रहेगा । उन्होंने कहा कि पाकिस्तान शांतिपूर्ण तरीके से और नतीजा देने वाली तथा सतत वार्ता के जरिए इसका हल करना चाहता है ।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने दावा किया कि पाक और भारत ने पिछले 6 दशकों में कई बार कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की लेकिन भारत के हठ के चलते वार्ता को सफलता नहीं मिली । उन्होंने कहा कि शिमला समझौता संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे को उठाने से नहीं रोक सकता । उन्होंने कहा कि कश्मीर पर विश्व निकाय के संबद्ध प्रस्ताव सुरक्षा परिषद के एजेंडा में अब भी लंबित हैं । एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर में वीभत्स हालात से ध्यान भटकाने की कोशिश करते हुए बलूचिस्तान का जिक्र किया लेकिन दुनिया इतनी भोली नहीं है और भारतीय चाल को समझती है । उन्होंने कहा कि मोदी के टिप्पणी के खिलाफ पाकिस्तान में, खासतौर पर गिलगिट-बल्टिस्तान में बड़े स्तर पर प्रतिक्रिया ने भी भारतीय मंसूबों को बेनकाब किया है।  

प्रवक्ता ने बताया कि इस साल नवंबर में पाकिस्तान में होने जा रहे 19 वें दक्षेस सम्मेलन की मेजबानी को लेकर तैयारियां चल रही हैं । उन्होंने आशा जताई कि सम्मेलन में संबद्ध मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं के अनुकूल बेहतर नतीजे निकलेंगे।  


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