पाकिस्तान में धर्म बदल रहे लोग ? हिंदुओं की आबादी बढ़ी, मुस्लिम हुए कम

punjabkesari.in Sunday, Sep 08, 2024 - 05:23 PM (IST)

Peshawar: पाकिस्तान में धार्मिक जनसंख्या में बदलाव को लेकर हालिया रिपोर्ट और जनगणना डेटा काफी चर्चा का विषय बने हैं। 2023 की जनगणना के अनुसार, पाकिस्तान में मुस्लिम आबादी में गिरावट देखी गई, जबकि हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक धर्मों की आबादी में वृद्धि दर्ज की गई। 2017 की जनगणना के अनुसार, पाकिस्तान की कुल आबादी का लगभग 96.47% मुस्लिम थे। लेकिन 2023 की जनगणना के अनुसार, मुस्लिम आबादी में गिरावट देखी गई, जो 96% से कम हो गई है। मुस्लिम आबादी में गिरावट का कारण प्राकृतिक वृद्धि दर में कमी और धार्मिक जनसांख्यिकी में मामूली बदलाव माने जा सकते हैं।


 
2017 की जनगणना के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदू आबादी लगभग 1.85% थी, लेकिन 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 2% के करीब पहुंच गया। पिछले छह वर्षों में हिंदू समुदाय की आबादी में लगभग 3 लाख लोगों की वृद्धि दर्ज की गई है, जो मुख्य रूप से सिंध प्रांत में निवास करते हैं। ईसाई समुदाय की संख्या भी 2023 की जनगणना में बढ़कर 7 लाख से अधिक हो गई है। अन्य धर्मों जैसे सिख, बौद्ध, और अहमदिया समुदायों की जनसंख्या में भी मामूली वृद्धि दर्ज की गई है, हालांकि यह आंकड़े सटीक रूप से उपलब्ध नहीं हैं। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि मुस्लिमों से हिंदू या ईसाई धर्म में धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ रही हैं। हालांकि, इन आंकड़ों की पुष्टि कठिन है, लेकिन जनसंख्या में हो रहे बदलाव के पीछे कुछ मामलों में धर्मांतरण एक संभावित कारण हो सकता है।

 

इसके विपरीत, कई हिंदू परिवारों द्वारा जबरन धर्मांतरण के मामले भी सामने आए हैं, जिसमें विशेष रूप से महिलाओं को जबरन इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया गया।पाकिस्तान में आर्थिक तंगी, सामाजिक असमानता, और धार्मिक भेदभाव ने जनसांख्यिकीय बदलाव को प्रभावित किया हो सकता है।धार्मिक अल्पसंख्यकों को कई बार उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, जो उन्हें अपने धार्मिक पहचान को बदलने पर मजबूर कर सकता है।पाकिस्तान की सरकार ने धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने का दावा किया है, लेकिन ज़मीनी हकीकत में अल्पसंख्यकों को कई तरह के भेदभाव का सामना करना पड़ता है। इन आंकड़ों और रिपोर्ट्स से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की धार्मिक जनसांख्यिकी में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं। धार्मिक असहिष्णुता और सामाजिक परिस्थितियां भी इन बदलावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।


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Content Writer

Tanuja

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