पाकिस्तान जन्म और मृत्यु पंजीकरण में भी फिसड्डी, दुनिया का सबसे ज्यादा अपंजीकृत बच्चों वाला देश बना
punjabkesari.in Saturday, Oct 12, 2024 - 06:01 PM (IST)
International Desk: नागरिक पहचान प्रणाली किसी भी नागरिक और राज्य दोनों के लिए बेहद जरूरी है, खासकर जब सरकार को लोगों को सेवाएं देनी होती हैं। एक नागरिक की पहचान का सफर जन्म प्रमाण पत्र से शुरू होता है और मृत्यु प्रमाण पत्र पर जाकर खत्म होता है। लेकिन पाकिस्तान में यह बुनियादी पहचान प्रणाली ज्यादातर लोगों तक पहुंची ही नहीं है। यूनिसेफ की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 60% बच्चों का जन्म पांच साल की उम्र तक पंजीकृत नहीं होता। इसी वजह से पाकिस्तान दुनिया का सबसे ज्यादा अपंजीकृत बच्चों वाला देश बन गया है।
करीब 6 करोड़ बच्चे पाकिस्तान में अभी भी पंजीकृत नहीं हैं। इस कारण उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और बाल श्रम व बाल विवाह से बचाव जैसी सुविधाएं नहीं मिल पातीं। पंजीकरण में कई दिक्कतें हैं, जिन्हें सुलझाने की सख्त जरूरत है। पाकिस्तान में जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिए कुछ प्रणालियां मौजूद हैं, लेकिन ये पूरी तरह लागू नहीं हो पातीं। हर प्रांत के अपने अलग नियम हैं। जैसे पंजाब में "पंजाब लोकल गवर्नमेंट (जन्म और मृत्यु पंजीकरण) नियम 2021" लागू है। जन्म प्रमाण पत्र पाने की प्रक्रिया बेहद जटिल और समय लेने वाली है। इसके लिए उर्दू और अंग्रेजी में फॉर्म भरना पड़ता है, शपथ पत्र बनवाना होता है, यूनियन काउंसिल के चेयरमैन को आवेदन करना होता है, और अस्पताल से जन्म रिपोर्ट लेनी होती है।
माता-पिता और दादा का CNIC (कंप्यूटराइज्ड राष्ट्रीय पहचान पत्र) भी जमा करना पड़ता है और 200 रुपये की फीस भी चुकानी पड़ती है। अगर बच्चा घर पर पैदा हुआ है, तो मिडवाइफ के CNIC और सर्टिफिकेट की भी जरूरत पड़ती है, साथ ही दो गवाहों के CNIC भी जमा करने होते हैं। NADRA (नेशनल डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण) ने एक नागरिक पंजीकरण प्रबंधन प्रणाली लागू की है, जिससे जन्म, मृत्यु, विवाह और तलाक का पंजीकरण हो सके। लेकिन जागरूकता की कमी, नौकरशाही की दिक्कतें और ग्रामीण इलाकों में पंजीकरण केंद्रों की कमी के कारण यह सिस्टम पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहा है। पाकिस्तान में पंजीकरण प्रणाली में कई बड़ी बाधाएं हैं। ग्रामीण इलाकों के लोग नहीं जानते कि जन्म पंजीकरण उनके बच्चों के लिए कितना जरूरी है।
यहां पंजीकरण की प्रक्रिया काफी जटिल और लंबी होती है, जिसमें कई दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं। गरीबी के कारण कई परिवार पंजीकरण शुल्क नहीं चुका पाते। इसके अलावा, पारंपरिक मान्यताओं और पिछड़ेपन के चलते भी लोग पंजीकरण नहीं कराते। मृत्यु प्रमाण पत्र पाना भी बेहद कठिन है। लगभग 50% मौतें पाकिस्तान में पंजीकृत नहीं होतीं और मरने वालों के CNIC भी रद्द नहीं किए जाते। इस कारण फर्जी पेंशनधारक और नकली मतदाताओं की संख्या बढ़ रही है।NADRA को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है, जैसे पंजीकरण प्रक्रिया में देरी, तकनीकी खामियां और ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच की कमी। NADRA का डेटाबेस भी कई बार हैकिंग का शिकार हुआ है, जिससे डेटा की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।