परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़ाएगा पाक, लेगा चीन की मदद

punjabkesari.in Wednesday, Nov 01, 2017 - 10:34 AM (IST)

अबुधाबी/ इस्लामाबादः पाकिस्तान अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को साल 2030 तक बढ़ाकर 8 हजार 800 मैगावॉट करने के लिए चीन की मदद से कम से कम 3 से 4 बड़े परमाणु संयंत्र लगाने की योजना बना रहा है। पाकिस्तान के परमाणु ऊर्जा आयोग के चेयरमैन मोहम्मद नईम ने खुद इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास फिलहाल 5 छोटे संयंत्र हैं जो काम कर रहे हैं और इनकी कुल बिजली उत्पादन क्षमता 1300 मैगावॉट है। 
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अबु धाबी में हो रहे परमाणु सम्मेलन से इतर मोहम्मद नईम ने मीडिया को बताया, 'हम इस साल के खत्म होने से पहले कॉन्ट्रैक्ट दे देंगे।' हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितनी कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पाने की दौड़ में है और कितनी गैर-चीनी कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट के लिए आवेदन कर रही हैं। इन संयंत्रों में से आखिरी पंजाब प्रांत का चश्मा प्लांट है, जिसे चाइना नैशनल न्यूक्लियर कॉर्प (CNCC) ने बनाया है। इस संयंत्र ने इसी साल सितंबर से काम करना शुरू किया है। पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर 2 चाइनीज हुआलॉन्ग वन संयंत्र भी बनाए जा रहे हैं। इन दोनों की बिजली उत्पादन क्षमता 2200 मेगावॉट होगी। 

परमाणु ऊर्जा आयोग के चेयरमैन मोहम्मद नईम ने बताया कि इन दोनों रिऐक्टर्स का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। एक संयंत्र का 60 फीसदी और दूसरे का 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है। दोनों संयंत्र 2020 और 2021 से काम करने लगेंगे। पाकिस्तान अब अपने आठवें परमाणु संयंत्र का कॉन्ट्रैक्ट देने की भी तैयारी कर रहा है, जिसकी बिजली उत्पादन क्षमता 1100 मैगावॉट होगी। इसके पूरा होने पर इस्लामाबाद की परमाणु बिजली उत्पादन क्षमता 5 हजार मैगावॉट पहुंच जाएगी।
 


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