पाकिस्तान में कट्टरपंथियों का मस्जिद में नमाजियों पर अटैक, अहमदी युवक की निर्मम हत्या

punjabkesari.in Saturday, Apr 19, 2025 - 01:12 PM (IST)

Islamabad: पाकिस्तान के कराची शहर में शुक्रवार को अहमदी मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर हिंसा की एक और दर्दनाक घटना सामने आई। कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) से जुड़े सैकड़ों लोगों की उग्र भीड़ ने अहमदियों की मस्जिद पर हमला कर दिया और एक व्यक्ति को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया।  


 
क्या है मामला?
घटना कराची के सदर इलाके की है, जहां दोपहर को  TLP के करीब 400 समर्थक जमा हुए। उनका मकसद अहमदी समुदाय को मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोकना था। देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए। उपद्रवियों ने अहमदियों की मस्जिद पर धावा बोल दिया, पत्थरबाज़ी की और एक अहमदी युवक को बेरहमी से पीटा। वह युवक गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इस हमले में कई अन्य लोग भी घायल हुए हैं। डॉन अखबार के अनुसार, TLP समर्थकों ने कराची के कई इलाकों  शाह लतीफ, सुरजानी, खोखरापार और सदर  में अहमदी समुदाय को निशाना बनाया। हालांकि पुलिस की तैनाती के चलते अन्य स्थानों पर हिंसा टाल दी गई, लेकिन सदर इलाके में हमला सबसे घातक रहा। 

 

Laeeq Cheema, 47 yr old Ahmadi & father of 7, was lynched in Karachi today. Beaten to death outside a mosque with bricks & sticks while a hate-fueled mob screamed vile slogans.

A murder for offering a prayer—by the mob, backed by the state. No justice. No shame. No end in sight. pic.twitter.com/0B9JdMPdIA

— Mona Farooq Ahmad (@MonaChaudhryy) April 18, 2025

 
कराची पुलिस के DIG सैयद असद रजा ने बताया कि हमले की  CCTV फुटेज  खंगाली जा रही है और मामले की गंभीर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि अहमदी समुदाय को सुरक्षा दी जा रही है।  घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिनमें भीड़ अहमदियों के खिलाफ उग्र नारे लगाते हुए नजर आ रही है। इन वीडियो ने पाकिस्तान में धार्मिक असहिष्णुता की समस्या को एक बार फिर उजागर कर दिया है।  
 

 

  • - पाकिस्तान में अहमदी समुदाय को 1974 में  संविधान द्वारा गैर-मुस्लिम घोषित  कर दिया गया था।  
  • - उन्हें मस्जिदें बनाने, नमाज पढ़ने और इस्लामिक प्रतीकों के प्रयोग से रोका जाता है।  
  • - आए दिन उनके खिलाफ हमले, बहिष्कार और कानूनी कार्रवाई की खबरें आती रहती हैं।  

 

मानवाधिकार संगठनों और कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने इस हिंसा की निंदा की है। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से मांग की है कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।  


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Content Writer

Tanuja

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