IMF पाकिस्तान को कर्ज देने को हुआ तैयार, रखी बेहद कड़ी शर्तें

punjabkesari.in Sunday, Jul 17, 2022 - 03:34 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) काफी ना नुकर के बाद पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए राजी हो गया लेकिन इसके लिए कड़ी शर्तें रख दी है। IMF अगली किस्तों के रूप में  सात बिलियन डॉलर देने पर राजी हो गया है, लेकिन इसके साथ ही उसने पाकिस्तान पर बेहद सख्त शर्तें थोप दी हैं। गुरुवार को IMF ने अपने बयान में दो टूक कहा कि पाकिस्तान को ‘अतिरिक्त कदम उठाने होंगे’। पहले आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार पर अपने बजट को सकल घरेलू उत्पाद के 0.2 फीसदी के बराबर (153 अरब रुपए) लाभ में लाने की शर्त लगाई थी। अब उसने यह लक्ष्य बढ़ा कर 0.4 फीसदी कर दिया है। 

 

IMF की शर्तों के मुताबिक पाकिस्तान को भ्रष्टाचार कम करने के उपाय करने होंगे। IMF के मुताबिक भ्रष्टाचार कम करने से जो रकम बचेगी, उसे पाकिस्तान को गरीबी हटाने के कार्यक्रमों और लोगों को सामाजिक सुरक्षा देने पर खर्च करना चाहिए। IMF के मुताबिक पाकिस्तान ने संपत्ति घोषणा की इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली अपनाने को तैयार हुआ है, जिससे भ्रष्टाचार निवारक संस्थाओं की धार बढ़ेगी। साथ ही उससे भ्रष्टाचार संबंधी मुकदमों की जांच में भी मदद मिलेगी।

 

पाकिस्तान सरकार ने कुछ समय वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पहले पेश 0.2 फीसदी बजट लाभ का बजट पेश किया था। अब आईएमएफ ने कहा है कि इस बजट को 0.4 फीसदी लाभ में रखना कर्ज कार्यक्रम को जारी रखने के लिए एक निर्णायक पहलू होगा। इसका मतलब यह है कि पाकिस्तान सरकार को सब्सिडी में और कटौती करनी होगी और टैक्स का और ज्यादा बोझ जनता पर डालना होगा।
 
 

IMF ने कहा है कि पाकिस्तान सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए वचनबद्ध है। जिन सुधारों का उसने वादा किया है, उनमें बिजली शुल्क संबंधी सुधार भी हैं। पाकिस्तान में बिजली सेक्टर पर कर्ज इस साल बढ़ कर 850 अरब रुपये हो जाने की संभावना है। आईएमएफ ने कहा है कि यह उसकी तरफ से तय सीमा से ज्यादा है। यानी पाकिस्तान को कर्ज घटना होगा। इन बातों का मतलब यह समझा गया है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान में बिजली की दरें और बढ़ेंगी। सिर्फ बिजली महंगी करके ही पाकिस्तान इस सेक्टर पर चढ़े कर्ज को घटा सकता है।  
 

 

बता दें पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार गहरे दबाव में है। ऐसे में IMF से कर्ज हासिल करना उसके लिए अनिवार्य हो गया है। अगर कर्ज की किस्तें उसे नहीं मिलेंगी, तो उसके डिफॉल्टर हो जाने का पूरा खतरा है। आईएमएफ की रकम मिलने से पाकिस्तान फिलहाल इस खतरे को टाल सकेगा। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि IMF का कर्ज सिर्फ फौरी राहत है। इससे पाकिस्तान अभी डिफॉल्टर होने से बच जाएगा, लेकिन विदेशी मुद्रा आने का स्थायी स्रोत नहीं बना, तो आगे ऐसा होने की आशंका बनी रहेगी।

 


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Content Writer

Tanuja

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