पाकिस्तान चुनाव के इतिहास में पहली बार होगा एेसा, जानें खास बातें

punjabkesari.in Wednesday, Jul 18, 2018 - 02:39 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान में नई सरकार के चुनाव के लिए 25 जुलाई को मतदान होने वाला है। इस बार चुनाव में बहुत कुछ ऐसा हो रहा है, जो पाकिस्तान के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। पाकिस्तान में 1947 से अब तक 71 साल के इतिहास में 15 प्रधानमंत्री बने और इनमें से कोई भी 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। तीन बार लोकतांत्रिक रूप से चुनी सरकार का सेना ने तख्तापलट किया, एक प्रधानमंत्री की हत्या हुई जबकि एक को फांसी की सजा दी गई।  10 प्रधानमंत्रियों को अलग-अलग आरोप लगाकर सत्ता से बेदखल कर दिया गया। पिछले साल भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते नवाज शरीफ को भी उनके पद से हटा दिया गया। इसी के साथ पाक के इतिहास में वे 15वें ऐसे प्रधानमंत्री बने, जो अपना कार्यकाल पूरा करने में नाकाम रहे।
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जानते हैं पाक चुनाव को लेकर कुछ खास बातें ...
पाकिस्तान में किसी प्रधानमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। पाकिस्तान में सैन्य विद्रोह का इतिहास रहा है। यहां पहला आम चुनाव वर्ष 1970 में हुआ था। इस बार के चुनाव के बाद पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा दूसरा मौक़ा होगा, जब एक निर्वाचित सरकार किसी असैन्य सरकार को सत्ता सौंपेगी।

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 इस बार एक ऐसे राजनेताओं को चुनाव लड़ने की इजाज़त नहीं है, जो पाकिस्तान में तीन बार प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाल चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) ने साल 2013 का चुनाव जीता था। पिछले साल अदालत ने उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य पाया और भ्रष्टाचार के मामले में हाल ही में उन्हें 10 साल क़ैद की सज़ा सुनाई है। नवाज़ शरीफ़ इन आरोपों से इंकार करते हैं और अप्रत्यक्ष रूप से इसके लिए सेना को ज़िम्मेदार बताते हैं। ये चुनाव इस लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है कि इसमें अति दक्षिणपंथी और अतिवादी उम्मीदवार बड़ी संख्या में चुनाव लड़ रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया में इस बात की चिंता जताई जा रही है कि उग्र समूहों को मुख्यधारा की राजनीति में आने का मौक़ा दिया जा रहा है. इस चुनाव में ईशनिंदा एक बड़ा मुद्दा है जिसके लिए पाकिस्तान में मौत की सज़ा का प्रावधान है। 

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ये चुनाव इस मायने में भी ख़ास है कि इस बार पहले के मुक़ाबले कहीं अधिक महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं.। पूरे देश में संसद की 272 सीटों पर लगभग 171 महिला उम्मीदवार खड़ी हुई हैं। इनमें अली बेगम का नाम भी शुमार है जो पुरुष प्रधान क़बायली इलाक़े से चुनाव लड़ रही पाकिस्तान की पहली महिला उम्मीदवार हैं।
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इस बार के चुनाव में ट्रांसजेंडर्स को भी राजनीति में हाथ आज़माने का मौक़ा मिला है। 5 ट्रांसजेंडर्स उम्मीदवारों को आम चुनाव लड़ने की इजाज़त दी गई है। ट्रांसजेंडर्स, पाकिस्तान में बेहद अल्पसंख्यक समुदाय हैं, जिन्हें साल 2013 में चुनाव लड़ने की अनुमति पहली बार दी गई थी। स्थानीय ख़बरों में कहा गया है कि इस बार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की निगरानी के लिए ट्रांसजेंडर्स की सेवाएं भी ली जाएंगी। 
 


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Tanuja

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