स्पेन में 'इस्लामोफोबिक' फरमान: मुस्लिम त्यौहार मनाने पर लगा बैन!" कहा-'यह ईसाइयों की ज़मीन'
punjabkesari.in Thursday, Aug 07, 2025 - 04:24 PM (IST)

International Desk: यूरोपीय देश स्पेन के मर्सिया प्रांत के एक छोटे से शह जुमिला में एक नया विवाद गहरा गया है, जब वहां की स्थानीय सरकार ने मुसलमानों को सार्वजनिक स्थानों पर ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा जैसे इस्लामी त्योहार मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया। यह निर्णय शहर की नगरपालिका ने लिया है, जिसके पीछे ईसाई पहचान की रक्षा का तर्क दिया गया है, लेकिन इससे देशभर में धार्मिक स्वतंत्रता और भेदभाव को लेकर नई बहस छिड़ गई है।
क्या है नया प्रतिबंध?
इस आदेश के तहत अब सभी सार्वजनिक स्थल जैसे नागरिक केंद्र, खेल परिसर, जिम आदि पर मुस्लिम धार्मिक आयोजनों की अनुमति नहीं होगी। यह पहला मौका है जब स्पेन में किसी शहर ने विशेष रूप से इस्लामिक त्योहारों पर ऐसा प्रतिबंध लगाया है। इस प्रस्ताव को रूढ़िवादी पीपुल्स पार्टी (PP ने पास करवाया, जबकि वामपंथी दलों ने विरोध किया। धुर दक्षिणपंथी वॉक्स पार्टी, जो कट्टर राष्ट्रवादी विचारों के लिए जानी जाती है, वोटिंग के समय अनुपस्थित रही लेकिन बाद में सोशल मीडिया पर इसे "स्पेन की ईसाई पहचान की जीत" बताया।
मुस्लिम संगठनों का विरोध
स्पेन में मुस्लिम समुदाय के संगठन इस फैसले को भेदभावपूर्ण और इस्लामोफोबिक करार दे रहे हैं।स्पेनिश फेडरेशन ऑफ इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष मुनीर बेनजेलोन अंदालुसी अजहरी ने इसे "स्पष्ट धार्मिक भेदभाव" बताया और कहा कि, "यह हमला केवल हमारे धर्म पर है। 30 सालों में पहली बार मुझे डर लग रहा है।"जुमिला की आबादी लगभग 27,000 है, जिनमें से करीब 7.5% मुस्लिम समुदाय से आते हैं, जो मुख्यतः मोरक्को, अल्जीरिया और अन्य अफ्रीकी मुस्लिम देशों से जुड़े हैं।
संविधान के खिलाफ फैसला?
ब्रिटिश अखबार द गार्डियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रतिबंध को स्पेन के संविधान के अनुच्छेद 16 के खिलाफ माना जा सकता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की गारंटी देता है। समाजवादी पार्टी के नेता फ्रांसिस्को लुकास ने कहा कि यह निर्णय संविधान का उल्लंघन है और सत्ता की राजनीति के लिए सामाजिक सौहार्द्र को खतरे में डालता है। पूर्व मेयर जुआना गार्डियोला ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी: "उनकी 'पहचान' का मतलब क्या है? और सदियों पुरानी मुस्लिम विरासत का क्या, जो इस भूमि में गहराई से समाई हुई है?"
कभी अरबों का शासन था जुमिला
इतिहास में झांके तो जुमिला कभी अरब शासन का हिस्सा रहा है। 8वीं शताब्दी में अरबों ने इस क्षेत्र पर कब्ज़ा किया और इसे युमिल-ला नाम दिया। 13वीं सदी में ईसाई सैनिकों ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया, लेकिन एक समझौते के तहत मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की रक्षा की बात कही गई थी। स्पेन में पहले ही हाल के वर्षों में नस्लीय और धार्मिक असहिष्णुता के मामलों में वृद्धि देखी गई है।
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