ऑस्ट्रेलिया के समुद्री तटों पर रहस्यमयी झाग से हड़कंप ! धड़ाधड़ मर रही मछलियां, सैंकड़ों सर्फर्स बीमार
punjabkesari.in Wednesday, Mar 19, 2025 - 04:01 PM (IST)

Sydney: ऑस्ट्रेलिया के समुद्री तटों पर रहस्यमयी झाग देखने को मिला है, जिससे हड़कंप मच गया है। इस झाग के कारण समुद्र में जाने वाले कई सर्फर्स की तबीयत बिगड़ गई, जबकि बड़ी संख्या में मरी हुई मछलियां तट पर बहकर आ गईं। एडिलेड से करीब 100 किलोमीटर दक्षिण और विक्टर हार्बर के पास वेटपिंगा बीच और पार्सन्स बीच पर यह रहस्यमयी घटना दर्ज की गई। इस झाग के संपर्क में आने के बाद कई सर्फर्स ने आंखों में जलन, गले में खराश और खांसी जैसी शिकायतें दर्ज कराईं। ‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, वेटपिंगा और पार्सन्स बीच पर 100 से अधिक सर्फर्स बीमार हुए हैं।
स्थानीय सर्फर एंथनी रोलैंड ने इस घटना को लेकर फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा, "पानी में कुछ अजीब है।" कुछ लोगों ने धुंधली दृष्टि और आंखों में जलन की शिकायत की, जबकि कुछ को सांस लेने में दिक्कत हुई। इस रहस्यमयी झाग के बीच समुद्र तटों पर बड़ी संख्या में मरी हुई मछलियां भी देखी गईं। कुछ पर्यटकों ने समुद्र के पानी पर चिकनाई जैसी परत और तट पर हरे, चिपचिपे मैले पदार्थों की मौजूदगी की सूचना दी। सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों में समुद्री ड्रैगन सहित अन्य समुद्री जीव मृत हालत में तट पर पड़े नजर आए। ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य और पर्यावरण अधिकारियों ने इस रहस्यमयी झाग की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में चिलचिलाती गर्मी, स्थिर पानी और समुद्री गर्मी के कारण माइक्रोएल्गल ब्लूम (शैवाल का अधिक बढ़ना) को संभावित कारण बताया गया है।
अधिकारियों ने वेटपिंगा और पार्सन्स बीच को एहतियातन अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। कुछ स्थानीय विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह झाग संभवतः नीले-हरे शैवाल (ब्लू-ग्रीन एल्गी) या साइनोबैक्टीरिया के कारण हुआ हो सकता है। यह जीवाणु समुद्री जल में विषाक्त पदार्थ (साइनोटॉक्सिन) छोड़ते हैं, जो इंसानों और जानवरों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इसके संपर्क में आने से थकान, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं हो सकती हैं। स्वास्थ्य और पर्यावरण विभाग ने फिलहाल समुद्र तटों को आम जनता के लिए बंद करने की सिफारिश की है। जांच पूरी होने और स्थिति सामान्य होने के बाद इन तटों को दोबारा खोला जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पानी सुरक्षित होने के बाद ही तटों को पुनः खोला जाए।