गाजा में बच्चों पर युद्ध का कहर: अस्पताल में कुपोषित बच्चों की संख्या में भारी वृद्धि

punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 04:10 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क. गाज़ा पट्टी में जारी इजराइल-हमास युद्ध का सबसे गहरा असर मासूम बच्चों पर पड़ रहा है। यहां के अस्पतालों में कुपोषण से पीड़ित बच्चों की हालत देख कर दिल दहल जाता है। खान यूनिस के नासिर अस्पताल में भर्ती दो साल की मयार अल-अरजा की हालत ऐसी ही एक दर्दनाक कहानी कहती है।

मायार की दर्दनाक कहानी

दो साल की मायार की मां अस्मा अल-अरजा अपनी बच्ची की पतली बांह पकड़कर उसकी उभरी हुई पसलियां और फूला हुआ पेट दिखाती हैं। अस्पताल के बिस्तर पर लेटी मायार गहरी-गहरी सांसें लेती है और फिर बेकाबू होकर रोने लगती है। यह पहली बार नहीं है, जब मायार कुपोषण के कारण गाजा के अस्पताल में भर्ती हुई है, लेकिन इस बार 17 दिन अस्पताल में बिताना उसके लिए बेहद मुश्किल रहा।

मायार को सीलिएक रोग है, जो एक ऑटोइम्यून विकार है। इसमें ग्लूटेन (गेहूं और जौ में पाया जाने वाला एक तत्व) के सेवन से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करने लगती है। इसका मतलब है कि वह ग्लूटेन युक्त भोजन नहीं खा सकती और उसे विशेष आहार की आवश्यकता होती है। लेकिन 19 महीने के युद्ध और इजराइल की सख्त नाकाबंदी के कारण युद्धग्रस्त गाजा में उसके लिए खाने के विकल्प बहुत कम बचे हैं और जो उपलब्ध है उसे वह पचा नहीं पाती।

नाकाबंदी और सहायता की कमी

खान यूनिस के नासिर अस्पताल में मायार के बगल में बैठी उसकी मां ने दर्द बयां करते हुए कहा, "उसे डायपर, सोया दूध और विशेष भोजन की जरूरत है। सीमा बंद होने के कारण ये चीजें आसानी से नहीं मिल रही हैं और जहाँ उपलब्ध हैं। वहां वे इतनी महंगी हैं कि मैं उन्हें खरीद नहीं सकती।"

बच्चों में कुपोषण की बढ़ती समस्या

संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी के अनुसार, मायार उन 9,000 से अधिक बच्चों में से एक है, जिनका इस साल कुपोषण के लिए इलाज किया गया है। खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले साल में ऐसे हजारों मामले सामने आने की आशंका है। विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि इजराइल अपने सैन्य अभियान को नहीं रोकता और अपनी नाकाबंदी पूरी तरह से नहीं हटाता, तो क्षेत्र में अकाल जैसी स्थिति भी आ सकती है।

गंभीर होती मानवीय स्थिति

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पिछले सप्ताह कहा था कि लोग पहले से ही भूख से मर रहे हैं। फलस्तीनी क्षेत्रों के लिए संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के प्रतिनिधि नेस्टर ओवोमुहांगी ने कहा, "जहां भी देखो, लोग भूखे हैं... वे इशारा करके बताते हैं कि उन्हें कुछ खाने की जरूरत है।"

इजराइल ने नाकाबंदी में कुछ ढील तो दी है, लेकिन फलस्तीनियों तक बहुत कम सहायता पहुंच पा रही है। दो महीने से अधिक समय से इजराइल ने लगभग 20 लाख फलस्तीनियों की आबादी वाले इस क्षेत्र में सभी खाद्य, दवा और अन्य सामान के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा है। गाजा में रहने वाले फलस्तीनी जीवित रहने के लिए लगभग पूरी तरह से बाहरी सहायता पर निर्भर हैं, क्योंकि इजराइल के आक्रमण ने क्षेत्र की लगभग सभी खाद्य उत्पादन क्षमताओं को नष्ट कर दिया है।


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Content Editor

Parminder Kaur

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