मधेसी पार्टी ने ओली सरकार से समर्थन वापस लेने की दी चेतावनी

punjabkesari.in Wednesday, Oct 10, 2018 - 06:37 PM (IST)

काठमांडूः नेपाल  में संविधान में संशोधन की मांग न माने जाने पर मुख्य मधेसी पार्टी राष्ट्रीय जनता पार्टी-नेपाल (RJP-N) ने  प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली नीत सरकार से समर्थन वापस लेने की चेतावनी दी है। सोमवार को प्रधानमंत्री ओली को ज्ञापन सौंपने वाले RJP-N  नेताओं ने चेताया है कि अगर सरकार उनकी मांगें मानने में विफल रहती है तो पार्टी दिवाली के बाद उनकी सरकार को दिया अपना समर्थन वापस ले लेगी।
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RJP-N  ने मधेसी, थारु, मुस्लिमों एवं जनजातियों की मांगों पर ध्यान देने के लिए संविधान में संशोधन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।  आरजेपी-एन के अध्यक्ष मंडल के सदस्य राजेंद्र महतो ने कहा  कि यह उनकी आखिरी चेतावनी है और अगर सरकार इसे अनसुना करती है तो   त्योहारों के बाद सरकार से समर्थन वापस लेकर नया आंदोलन शुरू करेंगे।  पूर्व वाणिज्य मंत्री महतो ने कहा कि सरकार  मांगों को नहीं सुन रही है और संविधान में संशोधनों को भी नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है। 
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2015 में  नेपाल को 7 प्रांतीय इकाइयों में विभाजित करने वाले अपनाए गए नए संविधान में मधेसियों को अधिकारहीन करने की खबरों के बाद ओली के पहले कार्यकाल के दौरान छह महीने लंबा आंदोलन चला था जिसमें 50 लोग मारे गए थे। मधेस में ज्यादातर भारतीय मूल के लोग हैं और तराई के निवासी हैं। मधेसी पार्टी दक्षिणी तराई क्षेत्र के वासियों के हितों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करती है।
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RJP-N की मुख्य मांगों में नागरिकता प्रमाणपत्र के वितरण प्रबंधन में संशोधन, प्रांतीय सरकारों को ज्यादा अधिकार देने, प्रांतीय सीमाओं के पुन: सीमांकन, पार्टी कैडर के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और आरजेपी-एन सांसद रेशम चौधरी की रिहाई शामिल है जो अभी तक पद और गोपनीयता की शपथ भी नहीं ले पाए हैं। 


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Tanuja

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