इटली की जेलों में जेलों में पार्टनर के साथ शारीरिक सबंध बना सकेंगे कैदी

punjabkesari.in Saturday, Apr 19, 2025 - 11:37 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: इटली की जेलों में एक नई और हैरान करने वाली पहल शुरू की गई है। कोर्ट के आदेश पर अब कैदियों को अपने पार्टनर से निजी तौर पर मिलने और शारीरिक संबंध बनाने की अनुमति दी गई है। इसके लिए जेलों में खास 'सेक्स रूम' बनाए जा रहे हैं, जहां दो घंटे तक की अंतरंग मुलाकात की सुविधा होगी। हालांकि इस सुविधा के साथ कुछ नियम भी जोड़े गए हैं, जैसे कि दरवाजा खुला रखना अनिवार्य होगा। यह पहल कैदियों के अधिकारों और मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से एक बड़ा बदलाव मानी जा रही है।

कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई पहल

इस पहल की शुरुआत जनवरी 2024 में एक अदालत के फैसले के बाद हुई। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कैदियों को भी मानवीय अधिकारों के तहत अपने जीवनसाथी या पार्टनर से निजी तौर पर मिलने का हक मिलना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि कई यूरोपीय देशों जैसे फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, नीदरलैंड और स्वीडन में पहले से ही ऐसी व्यवस्था है।

टेर्नी जेल में बना पहला सेक्स रूम

इस फैसले के बाद पहला सेक्स रूम इटली के टेर्नी शहर की एक जेल में बनाया गया है। शुक्रवार को एक कैदी ने यहां पहली बार अपनी महिला मित्र से मुलाकात की। इस रूम में बिस्तर और शौचालय जैसी जरूरी सुविधाएं मौजूद हैं। कैदियों को यहां 2 घंटे तक रुकने की इजाजत है।

दरवाजा खुला रखना होगा

हालांकि इस सुविधा के साथ एक शर्त भी जोड़ी गई है। कैदियों को अपने पार्टनर के साथ रूम में रहने के दौरान दरवाजा खुला रखना होगा। जेल प्रशासन का कहना है कि अगर किसी भी स्थिति में तुरंत हस्तक्षेप करना पड़े तो गार्ड अंदर आ सकें। यह सुरक्षा कारणों से जरूरी है।

निजता और गरिमा का रखा गया ध्यान

अम्ब्रिया क्षेत्र के लोकपाल ग्यूसेप्पे कैफोरियो ने इस प्रयोग को सकारात्मक बताया है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब किसी कैदी को बिना गार्ड की मौजूदगी के अपनी पार्टनर से निजी रूप से मिलने का मौका दिया गया। साथ ही निजता और गरिमा की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया है।

अन्य जेलों में भी हो सकती है शुरुआत

अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो आने वाले समय में इटली की अन्य जेलों में भी ऐसी व्यवस्था शुरू की जा सकती है। यह पहल कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य और संबंधों को बनाए रखने के लिए अहम मानी जा रही है।

जेलों की खस्ता हालत से जूझ रहा इटली

गौरतलब है कि इटली की जेलों में पहले से ही भीषण भीड़ है। यहां कुल 62 हजार कैदी हैं जबकि जेलों की क्षमता उससे 21% कम है। यही वजह है कि यहां आत्महत्याओं की दर भी बढ़ी है। ऐसे में इस पहल को जेल व्यवस्था को और मानवीय बनाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।

यूरोप में ऐसा क्यों है जरूरी?

यूरोपीय मानवाधिकार सिद्धांतों के अनुसार, एक कैदी की सजा का मतलब यह नहीं होता कि उसे उसके परिवार या संबंधों से पूरी तरह अलग कर दिया जाए। वैवाहिक या प्रेम संबंधों का मानसिक संतुलन और जीवन में स्थिरता बनाए रखने में अहम योगदान होता है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए इटली ने यह कदम उठाया है।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Ashutosh Chaubey

Related News