Nepal Protests : ब्याज में हर साल मिल रहा 1.87 करोड़, जानिए इस्तीफा दे चुके नेपाल के PM केपी शर्मा की संपत्ति
punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 03:09 PM (IST)

नैशनल डैस्क : नेपाल की राजधानी काठमांडू में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ युवा पीढ़ी (Gen-Z) का प्रदर्शन तेज़ी से हिंसक हो गया है। संसद भवन के बाहर जारी प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी है। पुलिस और सुरक्षा बल स्थिति को काबू में करने की कोशिश में जुटे हैं। वहीं, ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और खबर है कि वे दुबई में इलाज के लिए जा सकते हैं। उनकी निजी एयरलाइन हिमालय एयरलाइंस को स्टैंडबाय मोड पर रखा गया है।
मिल रहा सालाना लगभग 1.87 करोड़ ब्याज
ओली की संपत्ति और चीन के साथ कथित गहरे संबंधों पर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। ग्लोबल वॉच एनालिसिस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओली की संपत्ति में पिछले कुछ वर्षों में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जिसमें चीन की कंपनियों को बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर और व्यापारिक सौदों के जरिए लाभ पहुंचाने का बड़ा हाथ है। रिपोर्ट के मुताबिक, ओली के पास स्विट्जरलैंड के मिराबॉड बैंक, जिनेवा ब्रांच में करीब 41 करोड़ रुपये जमा हैं, जिससे उन्हें सालाना लगभग 1.87 करोड़ रुपये ब्याज प्राप्त होता है।
पहले भी एक बार दे चुके हैं इस्तीफा
1970 के दशक से राजनीति में सक्रिय ओली ने 2015 में पहली बार प्रधानमंत्री पद संभाला, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता के कारण 2016 में इस्तीफा देना पड़ा। 2018 में पुनः प्रधानमंत्री बने ओली के कार्यकाल में चीन का नेपाल पर प्रभाव बढ़ा है। हालांकि नेपाल की प्रति व्यक्ति आय में सुधार हुआ, लेकिन सवाल है कि यह विकास आम जनता तक पहुंचा या सिर्फ नेताओं तक सीमित रहा। देश में बढ़ते आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता के बीच ओली की संपत्ति बढ़ोतरी ने राजनीतिक विवाद और आलोचना को और तीव्र कर दिया है।
क्यों भड़की हिंसा ?
नेपाल में सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन लगाने के बाद देश में हिंसा भड़क उठी है। सरकार ने सोमवार को फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब सहित कुल 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया था, जिसके विरोध में खासकर जेन-जी (1995-2010 के बीच जन्मे युवा) सड़कों पर उतर आए। इस हिंसा में कई लोगों की मौत हो चुकी है। बाद में सरकार ने सोशल मीडिया बैन हटा लिया, लेकिन हिंसा अभी भी जारी है। नेपाल की युवा पीढ़ी में सरकार के भ्रष्टाचार और बढ़ती बेरोजगारी को लेकर गहरा रोष है। युवा सोशल मीडिया के जरिए भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाते रहे हैं। देश में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है, जिससे युवाओं की नाराजगी और बढ़ गई है। सोशल मीडिया बैन ने युवाओं के गुस्से को और भड़काया है, जो अब सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन में बदल चुका है।