पूर्व राष्ट्रपति करजई का आग्रहः महिलाओं की शिक्षा की पैरवी करने वाले कार्यकर्ता को रिहा करे तालिबान
punjabkesari.in Thursday, Mar 30, 2023 - 04:00 PM (IST)

काबुल: अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा की पैरवी करने वाले कार्यकर्ता की रिहाई की मांग तेज हो गई है तालिबान के एक मंत्री ने उन्हें पकड़ने के कदम का बचाव किया है। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने मंगलवार को तालिबान से शिक्षा कार्यकर्ता मतीउल्लाह वेसा को रिहा करने का आह्वान किया। अफगानिस्तान स्थित खामा प्रेस के अनुसार करजई ने एक ट्वीट में कहा कि वह शिक्षा कार्यकर्ता मतिउहुल्ला वेसा की गिरफ्तारी से निराश हैं और उन्होंने अफगानिस्तान में पेन पाथ की गतिविधियों की सराहना की। उन्होंने कहा, "मैं वेसा और पेन पाथ की गतिविधियों को अफगानिस्तान के पक्ष में देखता हूं और तालिबान से कार्यकर्ता को मुक्त करने के लिए अत्यधिक प्रयास करने और उसकी गतिविधियों का विस्तार करने के लिए उसके साथ सहयोग करने का आह्वान करता हूं।"
इस बीच, अफगानिस्तान में मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत रिचर्ड बेनेट ने भी पेन पाथ के संस्थापक वेसा की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की । बेनेट ने मंगलवार को एक ट्वीट में तालिबान अधिकारियों से कहा कि "उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है और उनके सभी कानूनी अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए।"।
इसके अलावा, अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने भी तालिबान से मतीउल्लाह वेसा को रिहा करने का आह्वान किया और "उसका ठिकाना स्पष्ट करने, उसकी गिरफ्तारी के कारणों और कानूनी प्रतिनिधित्व और परिवार के साथ संपर्क तक उसकी पहुंच सुनिश्चित करने" के लिए कहा।
स्थानीय गैर-सरकारी संगठन ‘पेन पथ' के संस्थापक एवं अध्यक्ष मतिउल्लाह वेसा ‘मोबाइल स्कूल एंड लाइब्रेरी' के साथ अफगानिस्तान की यात्रा पर निकले थे, जिसका मकसद घर-घर जाकर महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना है। वेसा को सोमवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गिरफ्तार किया गया था। तालिबान के अफगानिस्तान की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद से उसने महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर प्रतिबंध लगाए हैं। लड़कियों के छठी कक्षा के बाद स्कूल जाने पर रोक है और पिछले साल तालिबान ने महिलाओं के विश्वविद्यालयों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
लड़कियों के स्कूल जाने और पढ़ने के अधिकार की अपनी मांगों को लेकर वेसा बेहद मुखर रहे हैं। वह लगातार तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार से अपने प्रतिबंधों को वापस लेने का आह्वान करते रहे हैं। वेसा का हालिया ट्वीट अफगानिस्तान में नए शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत पर था, जिसमें लड़कियों को कक्षाओं तथा परिसर में आने की अनुमति नहीं दी गई। अफगानिस्तान में अमेरिका की उप-राजदूत कैरेन डेकर ने गत मंगलवार को कहा था कि वह अपनी आकांक्षाओं को लेकर शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन कर रहे अफगानिस्तान के लोगों को हिरासत में लिए जाने की ‘‘खबरों से परेशान'' हैं।
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि वह वेसा की गिरफ्तारी की खबर सुन दुखी हैं। स्थानीय खबरों के अनुसार, तालिबान सुरक्षा बलों ने यूरोप की यात्रा से लौटने के बाद वेसा को हिरासत में ले लिया। तालिबान के अधिकारियों ने उनकी नजरबंदी, ठिकाने या गिरफ्तारी के कारणों की पुष्टि नहीं की है। हालांकि, सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय में प्रकाशन निदेशक अब्दुल हक हमद ने नजरबंदी का बचाव किया। उन्होंने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘ उनकी गतिविधियां संदिग्ध थी और शासन के पास ऐसे लोगों से जवाब मांगने का अधिकार है।''
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