अफगानिस्तान में तालिबान के निशाने पर पत्रकार और पत्रकारिता

punjabkesari.in Wednesday, Nov 03, 2021 - 12:13 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अफगानिस्तान में तालिबान राज में महिलाएं या कलाकार ही नहीं पत्रकार भी तालिबान की क्रूरता का शिकार हो रहे हैं। एक मीडिया वॉचडॉग ने कहा कि पिछले दो महीनों में अफगान पत्रकारों के खिलाफ हिंसा और धमकियों के 30 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं  जिनमें से लगभग 90 प्रतिशत तालिबान द्वारा किए गए हैं। अफगानिस्तान राष्ट्रीय पत्रकार संघ द्वारा दर्ज किए गए 40 फीसदी से अधिक मामले पिटाई के हैं और 40 प्रतिशत के करीब के मामले मौखिक धमकी वाले हैं। संघ के प्रमुख मासोरो लुत्फी ने कहा कि अन्य मामलों में पत्रकारों को एक दिन के लिए कैद किया गया और एक पत्रकार की मौत हुई।

 

संघ का कहना है राजधानी काबुल के बाहर पूरे अफगानिस्तान में सितंबर और अक्टूबर में अधिकांश मामले दर्ज किए गए थे लेकिन हिंसा के 30 मामले राजधानी में हुए। लुत्फी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हिंसा की अधिकाशं घटनाएं या हिंसा की धमकियां तालिबान के सदस्यों द्वारा की गई थीं लेकिन 30 में से तीन मामलों को अज्ञात लोगों द्वारा अंजाम दिया गया। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब अफगानिस्तान के तालिबान शासक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ राजनयिक चैनल खोलने की कोशिश कर रहे हैं।

 

हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय औपचारिक रूप से तालिबान के शासन को मान्यता देने के लिए अनिच्छुक नजर आ रहा है।  तालिबान की कोशिश है कि वह खुद को जिम्मेदार शासक के रूप में स्थापित करे और वह सभी के लिए सुरक्षा का वादा कर रहा है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद का कहना है कि वह पत्रकारों के साथ हिंसा की वारदात से वाकिफ हैं और दोषियों को सजा देने के लिए मामले की जांच कर रहे हैं।


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Content Writer

Tanuja

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