पाकिस्तानी रिपोर्टर का दावा- PAK में फ्रांसिसी कार्टून मुद्दे की आड़ में आंतकी संगठन JeM सक्रिय
punjabkesari.in Sunday, Sep 20, 2020 - 05:20 PM (IST)
पेशावरः फ्रांस में छपे एक विवादित कार्टून का मुद्दा उठाते हुए जैश ए मोहम्मद एक बार फिर पाकिस्तान में सक्रिय हो गया है। यह दावा किया है पाकिस्तान के ही एक प्रसिद्ध पत्रकार ताहा सिद्दीकी ने। सिद्दीकी ने अपने ट्ववीटर पर पाकिस्तान की सड़कों पर हो रहे एक प्रदर्शन का वीडियो शेयर करते हुए लिखा जैश ए मोहम्मद एक बार फिर पाकिस्तान में सक्रिय। इस बार फ्रांस में तथाकथित #blasphemous कार्टून का मुद्दे आड़ में आतंकी संगठन पैर पसार रहा है । उन्होंने लिखा कि आखिर कब तक पाकिस्तान और मुसलमानों के बीच ऐसे लुकाछिपी का खेल चलता रहेगा।
पैगंबर मोहम्मद को चित्रित करने वाले कार्टून को फिर से दिखाने के लिए हजारों पाकिस्तानी सड़कों पर उतर आए हैं । और हैरानी की बात यह हैा कि इन प्रदर्शनों में आतंकवादी समूह भी भाग लेते दिख रहे हैं। बता दें कि फ्रांस की मैगजीन शार्ली हेब्डो में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून फिर से प्रकाशित करने के फैसले के खिलाफ पाकिस्तान में विरोध-प्रदर्शन हुो रहे हैं । पिछले सप्ताह, फ्रांस की व्यंग्यात्मक पत्रिका शार्ली हेब्डो ने पैगंबर मोहम्मद के उन विवादित कार्टूनों को फिर से छापा है जिसे लेकर साल 2015 में उसके दफ्तर को आंतकी हमले का निशाना बनाया गया था।
Jaish e Mohammad has once again resurfaced in Pakistan.
— Taha Siddiqui (@TahaSSiddiqui) September 19, 2020
This time taking up the issue of so called #blasphemous cartoons in France reprinted by #CharlieHebdo.
For how long will such military proxies continue to radicalize Pakistan and Muslims?
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शार्ली हेब्डो ने साल 2015 में हुए आतंकी हमले के ट्रायल की शुरुआत होने से पहले इन कार्टून को फिर से छापने का फैसला किया। 7 जनवरी, 2015 में मैगजीन के दफ्तर पर हुए आतंकी हमले में फ्रांस के कुछ मशहूर कार्टूनिस्टों समेत 12 लोगों की मौत हो गई थी। कुछ दिन बाद पैरिस में इसी से जुड़े एक अन्य हमले में पांच लोगों की जान चली गई थी। पाकिस्तान ने फ्रांस की मैगजीन के पैगंबर मोहम्मद के विवादित कार्टून को फिर से छापने के फैसले की कड़ी आलोचना की।
पाकिस्तान के धार्मिक नेताओं ने भी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। विरोध-प्रदर्शनों में हजारों लोग इकठ्ठा हुए और फ्रांसीसी सामान के बहिष्कार और फ्रांस के राजदूत को निकालने की मांग की। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने ट्वीट में कहा था कि फ्रेंच मैगजीन में अरबों मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने के लिए जानबूझकर उठाए गए कदम को अभिव्यक्ति या प्रेस की आजादी के नाम सही नहीं ठहराया जा सकता है।