इजरायली हमले से गाजा में मारे गए सैंकड़ों लोग, हिजबुल्लाह की सुरंग ध्वस्त
punjabkesari.in Thursday, Oct 10, 2024 - 03:55 PM (IST)
International Desk: इजरायली सेना (Israeli army) द्वारा मध्य और उत्तरी गाजा में किए गए हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं, जिससे हजारों लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। गाजा (Gaza) के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि बीते कुछ दिनों में जबालिया और उत्तरी हिस्से से कुल 54 शव बरामद किए गए हैं, जबकि कई शव मलबे में दबे होने के कारण बचाव दलों की पहुंच से बाहर हैं। फिलीस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है एक बरस से जारी युद्ध में 42 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उसने रविवार से मंगलवार तक जबालिया से 40 शव और उत्तरी हिस्से से 14 शव बरामद किए हैं। मंत्रालय ने कहा कि मृतकों की संख्या अधिक हो सकती है क्योंकि कई शव मलबे में दबे हैं और कई शव ऐसे इलाकों में हैं, जहां पहुंचना संभव नहीं है।
इजरायली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने बताया कि सेना हमास (Hamas) को फिर से संगठित होने से रोकने के लिए कार्रवाई कर रही थी और करीब 100 उग्रवादियों को मार गिराया है, हालांकि उन्होंने इस दावे का कोई प्रमाण नहीं दिया। इजरायल का कहना है कि उसके हमले केवल उग्रवादियों पर लक्षित होते हैं और नागरिकों की मौतों के लिए हमास जिम्मेदार है। इस संघर्ष की शुरुआत एक साल पहले हुई थी, जब हमास के नेतृत्व में उग्रवादियों ने इजरायल पर अचानक हमला किया था, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे और 250 लोगों को अगवा कर लिया गया था। अब भी गाजा में कम से कम 100 बंधक रखे गए हैं।
इजरायली रक्षा बल (IDF) ने लेबनान से इजरायली क्षेत्र तक घुसपैठ करने वाली एक हिजबुल्लाह (Hezbollah) की सुरंग को ध्वस्त कर दिया है। सेना ने बताया कि हिजबुल्लाह इस सुरंग का निर्माण दो साल से कर रहा था। सुरंग का रास्ता लेबनान के मरवाहिन गांव के पास से होकर इजरायली क्षेत्र में प्रवेश करता था और ब्लू लाइन को 10 मीटर तक पार करता था।हालांकि, इस सुरंग का इजरायली क्षेत्र में कोई निकास नहीं था, और इससे किसी भी शहर को तत्काल कोई खतरा नहीं था। IDF ने बताया कि उन्हें सुरंग के बारे में पहले से ही जानकारी थी और वह इस पर नजर बनाए हुए थे, जबकि हिजबुल्लाह को इस बात का आभास नहीं था कि उनका यह भूमिगत मार्ग पहले से ही सेना की निगरानी में था।