इजरायल युद्ध निर्णायक चरण में ! गाजा में तेज किया हमास पर आखिरी हमला, नेतन्याहू बोले- बस अब बहुत हुआ
punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 11:20 AM (IST)

International Desk: इजरायल ने गाजा पट्टी पर कब्ज़ा करने की अपनी सबसे अहम सैन्य रणनीति के तहत बुधवार को युद्ध का अगला चरण शुरू कर दिया। इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) के मुख्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने पुष्टि की कि सेना अब गाजा शहर के बाहरी इलाकों तक पहुंच गई है। इसके साथ ही गाजा के विस्थापित निवासियों को दक्षिणी गाजा में स्थानांतरित करने की तैयारी भी शुरू हो गई है।
बस अब बहुत हो चुका
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को घोषणा की कि बस अब बहुत हो चुका। गाजा शहर पर कब्ज़ा करने की योजना को तेज़ गति से लागू किया जाएगा। पहले यह अनुमान लगाया गया था कि गाजा पर नियंत्रण पाने में 5 महीने या उससे अधिक का समय लगेगा। लेकिन अब नेतन्याहू ने साफ निर्देश दिया है कि “हमारे पास पांच महीने नहीं हैं।” उन्होंने सेना से कहा है कि हमास के अंतिम गढ़ों पर तेजी से कब्ज़ा कर लिया जाए।
मिस्र के युद्धविराम के प्रयास फेल
यह घोषणा उस समय आई है जब मिस्र युद्धविराम के लिए इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता कर रहा है और कुछ हद तक बंधकों की रिहाई पर बातचीत में प्रगति भी हुई है। लेकिन नेतन्याहू ने इन प्रयासों को बार-बार खारिज किया है और साफ किया है कि युद्ध विराम फिलहाल प्राथमिकता नहीं है । गाजा शहर, जिसे नेतन्याहू ने हमास का अंतिम गढ़ बताया है, पर कब्ज़ा करने के लिए इजरायल ने 60,000 रिजर्व सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया है। इसके अलावा 20,000 अतिरिक्त सैनिकों की सेवा अवधि भी बढ़ा दी गई है। यह कदम इजरायली सेना की तैयारी को और मजबूत करने के लिए उठाया गया है, ताकि जमीनी स्तर पर हमले के शुरुआती चरण तेज़ी से आगे बढ़ सकें।
मानवाधिकार संगठनों में चिंता गहराई
IDF की इस रणनीति से अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों में चिंता गहराई है। संयुक्त राष्ट्र और मानवीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि इससे गाजा में भूख, अकाल और मानवीय संकट और भी बदतर हो सकता है।पहले से ही गाजा की बड़ी आबादी विस्थापित हो चुकी है और विशाल इलाका खंडहर में तब्दील हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर लड़ाई तेज़ हुई तो बंधकों की जान को भी गंभीर खतरा हो सकता है।
अब थकान और हताशा झेल रहे इजरायली सैनिक
करीब दो साल से लगातार युद्ध लड़ रहे इजरायली सैनिक अब थकान और हताशा झेल रहे हैं। आईडीएफ चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल ज़मीर ने सुरक्षा कैबिनेट को आगाह किया था कि सेना को मानसिक और शारीरिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। सैनिकों को बार-बार गाजा में भेजा जा रहा है, जिससे उनकी थकान और निराशा बढ़ रही है।
सर्वे का खुलासाः जनता चाहती है शांति
यरूशलेम के हिब्रू विश्वविद्यालय के अगम लैब्स द्वारा किए गए ताज़ा सर्वे के अनुसार लगभग 40% सैनिक युद्ध के लिए कम प्रेरित हैं। केवल 13% सैनिक पूरी तरह युद्ध लड़ने के लिए तैयार पाए गए। यह स्थिति इजरायली सेना की जनशक्ति और मनोबल पर गहरे संकट को उजागर करती है।सर्वे और जनमत लगातार दिखा रहे हैं कि इजरायल की भारी बहुमत जनता युद्ध की समाप्ति का समर्थन करती है।लेकिन इसके बावजूद प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनके गठबंधन सहयोगी गाजा में सैन्य अभियान तेज़ करने पर जोर दे रहे हैं।इससे न सिर्फ गाजा के भविष्य पर बल्कि पूरे फिलिस्तीनी राज्य और क्षेत्रीय स्थिरता पर सवाल खड़े हो गए हैं।