आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक मुहिम को बड़ी कामयाबी, फ्रांस और पनामा ने कहा-" India आंतक विरोधी महायोद्धा"
punjabkesari.in Wednesday, May 28, 2025 - 02:24 PM (IST)

International Desk: भारत द्वारा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भर में शुरू किए गए कूटनीतिक अभियान को बड़ी सफलता मिली है। हाल ही में भारत सरकार ने विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल 33 देशों में भेजा, जिसमें फ्रांस और पनामा में हुई बैठकों ने खासा असर डाला है। इन दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का पुरजोर समर्थन किया है। पेरिस में बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने फ्रांस की संसद के उच्च सदन में उपराष्ट्रपति जैकलीन ब्रिनियो और भारत-फ्रांस मैत्री समूह के प्रमुख सांसदों से मुलाकात की।
फ्रांस ने स्पष्ट कहा कि दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को भारत के साथ मिलकर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना चाहिए । रविशंकर प्रसाद ने बताया कि “फ्रांसीसी सांसदों ने भारत की चिंता को गंभीरता से लिया और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रतिक्रिया की ज़रूरत को स्वीकार किया।”प्रतिनिधिमंडल में प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना), एम. जे. अकबर, गुलाम अली खटाना, डॉ. अमर सिंह (आप), समिक भट्टाचार्य (भाजपा), एम. थंबीदुरई (AIADMK), पंकज सरन (पूर्व NSA) आदि प्रमुख नेता शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल अब इटली के रोम की ओर रवाना हो गया है।
वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में भारत का दूसरा प्रतिनिधिमंडल पनामा पहुंचा। वहां संसद अध्यक्ष डाना कास्टानेडा ने भारत की स्थिति का समर्थन किया और थरूर को "एक योद्धा का प्रतीक" भेंट कर सम्मानित किया। शशि थरूर ने बताया कि “पनामा ने साफ कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों में वे पूरी तरह साथ हैं।” इस दौरान पनामा सिटी स्थित एक भारतीय मंदिर में सभी सांसदों ने एकसाथ पूजा की। खास बात ये रही कि झारखंड के मुस्लिम सांसद सरफराज अहमद भी साथ में मंदिर गए। उन्होंने भावुक होकर कहा: “जब बुलाने वाले को ऐतराज़ नहीं, तो जाने वाले को क्यों हो?”
इस प्रतिनिधिमंडल में सरफराज अहमद (JMM), तेजस्वी सूर्या, मिलिंद देवड़ा, भुवनेश्वर कलिता, जी. एम. हरीश बालयोगी, शशांक मणि त्रिपाठी, तरनजीत संधू (पूर्व राजदूत) आदि नेता शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल ने प्रवासी भारतीयों के साथ भी संवाद किया, जिनमें अधिकतर गुजराती और सिंधी मूल के लोग शामिल थे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने विश्व स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ समर्थन जुटाने की मुहिम शुरू की है। फ्रांस और पनामा जैसे देशों का खुला समर्थन इस मुहिम की शुरुआत में ही कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। आने वाले हफ्तों में अन्य देशों से भी इस अभियान को मजबूती मिलने की उम्मीद है।