इमरान के जहरीले भाषण का भारत ने दिया करारा जवाब-आतंकवाद के कारोबारी न ही बोले तो अच्छा

punjabkesari.in Saturday, Sep 28, 2019 - 12:53 PM (IST)

 संयुक्त राष्ट्रः भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर राग अलापने पर पलटवार करते हुए कहा कि उसके नागरिकों को उनकी तरफ से बोलने के लिए किसी भी व्यक्ति की जरूरत नहीं है और ‘‘कम से कम उन लोगों की तो कतई नहीं जिन्होंने नफरत की विचारधारा से आतंकवाद का कारोबार खड़ा किया है।'' खान ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में पहली बार भाषण दिया और 50 मिनट के उनके संबोधन का आधा वक्त भारत और कश्मीर पर ही केंद्रित रहा।

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भारत ने शुक्रवार को खान द्वारा दिए गए बयान पर जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेट कप्तान द्वारा लगाए आरोपों का बचाव करने के वास्ते संयुक्त राष्ट्र में अपने नए राजदूत को आगे किया । संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने कहा, ‘‘ऐसा माना जाता है कि इस मंच से बोले गए हर शब्द का इतिहास से वास्ता है। दुर्भाग्य से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से हमने आज जो भी सुना वह दोहरे अर्थों में दुनिया का निर्मम चित्रण था। हम बनाम वह, अमीर बनाम गरीब, उत्तर बनाम दक्षिण, विकसित बनाम विकासशील, मुस्लिम बनाम अन्य था। एक ऐसी पटकथा जो संयुक्त राष्ट्र में विभाजन को बढ़ावा देती है। मतभेदों को भड़काने और नफरत पैदा करने की कोशिश जिसे सीधे तौर पर ‘घृणा भाषण' कहा जा सकता है।''

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मैत्रा ने कहा कि महासभा में विरले ही अवसर का ऐसा ‘‘दुरुपयोग, बल्कि हनन'' देखा गया हो। उन्होंने कहा, ‘‘कूटनीति में शब्द मायने रखते हैं। ‘‘तबाही'', ‘‘खून-खराबा'', ‘‘नस्लीय श्रेष्ठता'', ‘‘बंदूक उठाओ'' और ‘‘अंत तक लड़ाई'' करो जैसे वाक्यांशों का इस्तेमाल मध्यकालीन मानसिकता को दर्शाता है न कि 21वीं सदी की दूरदृष्टि को।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम आपसे अनुरोध करेंगे कि आप इतिहास की अपनी समझ को ताजा करें।

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साल 1971 में पाकिस्तान द्वारा अपने ही लोगों के खिलाफ किए क्रूर नरसंहार और उसमें लेफ्टिनेंट जनरल ए ए के निआजी की भूमिका को न भूलें। एक ऐसी कड़वी सच्चाई जिसकी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने आज दोपहर को इस महासभा को याद दिलाई।'' मैत्रा ने कहा कि खान की ‘‘परमाणु विध्वंस की धमकी अस्थिरता का सूचक है न कि शासन कला की।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खान का आतंकवाद पर स्पष्टीकरण भड़काऊ है।
 


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Tanuja

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