भारत के 80 ड्रोनों ने उड़ा दी पाकिस्तान की नींद, डिप्टी पीएम इशाक डार ने कबूला ऑपरेशन सिंदूर से सैन्य ठिकानों पर भारी नुकसान
punjabkesari.in Sunday, Dec 28, 2025 - 05:02 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क : ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को हुए नुकसान को लेकर वहां के शीर्ष नेतृत्व के बयान अब खुद हालात की गंभीरता बयां कर रहे हैं। पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने पहली बार सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया है कि भारतीय कार्रवाई के दौरान पाकिस्तान को सैन्य स्तर पर नुकसान उठाना पड़ा। साल के अंत में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इशाक डार ने माना कि भारतीय ड्रोन हमलों में रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस को क्षति पहुंची, जबकि इस दौरान वहां तैनात जवान भी घायल हुए थे।
36 घंटों में 80 ड्रोन का दावा
इशाक डार ने कहा कि भारत ने बेहद कम समय में बड़ी संख्या में ड्रोन पाकिस्तानी क्षेत्र में भेजे। उनके मुताबिक, 36 घंटों के भीतर कम से कम 80 ड्रोन सीमा पार कर पाकिस्तान के भीतर दाखिल हुए। डार ने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने इनमें से 79 ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया, लेकिन एक ड्रोन एक सैन्य ठिकाने से टकरा गया, जिससे वहां मौजूद कुछ लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा, “भारत ने थोड़े समय में बड़ी संख्या में ड्रोन दागे, जिससे हालात काफी तनावपूर्ण हो गए थे।”
नूर खान एयरबेस पर हमले की पुष्टि
डार ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में 9 मई की रात नागरिक और सैन्य नेतृत्व की एक अहम बैठक हुई थी, जिसमें हमले के बाद बने हालात की समीक्षा की गई और कई अहम फैसलों को मंजूरी दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि 10 मई को नूर खान एयरबेस पर हमला कर भारत ने बड़ी गलती की, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
गौरतलब है कि नूर खान एयरबेस, रावलपिंडी में स्थित पाकिस्तान वायुसेना का एक प्रमुख और रणनीतिक एयरबेस है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह उन 11 एयरबेसों में शामिल था, जिन्हें भारतीय हमलों का निशाना बनाया गया। इन ठिकानों में सरगोधा, रफीकी, जैकोबाबाद और मुरीद के एयरबेस भी शामिल बताए गए हैं।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर
भारतीय सेना ने 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था। इसके साथ ही कई अहम सैन्य ठिकानों पर भी सटीक हमले किए गए थे।
इशाक डार के बयान पर भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए कहा कि नुकसान का पैमाना इससे कहीं ज्यादा था और डार सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।
ढिल्लों ने पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान के न्यूज चैनल समा टीवी पर 138 लोगों को मरणोपरांत वीरता सम्मान दिए जाने की खबर सामने आई थी। इससे साफ संकेत मिलता है कि पाकिस्तान ने जितने हताहतों को आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है, वास्तविक संख्या उससे कहीं अधिक हो सकती है।
वीडियो और सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ नुकसान उजागर
लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा जारी वीडियो में नूर खान एयरबेस पर आग और भारी क्षति साफ दिखाई दे रही है। उनके मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान निशाना बनाए गए सभी 11 एयरबेसों को गंभीर नुकसान पहुंचा। नूर खान एयरबेस पर हमले की पुष्टि सबसे पहले खुद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने की थी। इसके अलावा, उनके सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने भी माना था कि पाकिस्तान के पास केवल 30 से 45 सेकंड का समय था यह आकलन करने के लिए कि नूर खान की ओर दागी गई भारतीय मिसाइल में परमाणु हथियार था या नहीं।
सैटेलाइट तस्वीरों में दिखा व्यापक नुकसान
मई में सामने आई सैटेलाइट तस्वीरों में कथित तौर पर कई पाकिस्तानी एयरबेस को भारी नुकसान होते देखा गया था। इनमें नूर खान, सरगोधा का मुशफ एयरबेस, भोलाड़ी और जैकोबाबाद का शाहबाज एयरबेस शामिल हैं। पाकिस्तान ने भी 10 मई को यह स्वीकार किया था कि भारतीय मिसाइलों और ड्रोन हमलों में उसके कम से कम तीन एयरबेस को निशाना बनाया गया था।
