S. Jaishankar: रूस जाएंगे एस. जयशंकर, ट्रंप की धमकियों और टैरिफ वॉर के बीच विदेश मंत्री का अहम दौरा
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 08:35 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क : वैश्विक राजनीति इन दिनों गंभीर उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-गाजा संघर्ष, इज़राइल-ईरान तनातनी और भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य झड़पों ने अंतरराष्ट्रीय माहौल को जटिल बना दिया है। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर ने भू-राजनीतिक समीकरणों को और पेचीदा बना दिया है। ट्रंप प्रशासन जहां अचानक पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा नजर आ रहा है, वहीं भारत पर टैरिफ का दबाव बढ़ा रहा है। इन हालातों में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की रूस यात्रा को अत्यंत अहम माना जा रहा है।
क्या है जयशंकर की रूस यात्रा का उद्देश्य?
रूस के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि,
“21 अगस्त को, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ मॉस्को में वार्ता करेंगे। इस दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख मुद्दों पर और अंतरराष्ट्रीय ढांचे के भीतर सहयोग को लेकर चर्चा करेंगे।”
FM Sergey #Lavrov's schedule:
— MFA Russia 🇷🇺 (@mfa_russia) August 13, 2025
🗓 On August 21, FM Sergey #Lavrov will hold talks with FM of India @DrSJaishankar in Moscow.
The Ministers will discuss key issues on our bilateral agenda, as well as key aspects of cooperation within international frameworks.#RussiaIndia pic.twitter.com/ck4qG1Z14P
यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने को लेकर नाखुशी जाहिर की है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है। वहीं, भारत ने अमेरिका के दबाव को नकारते हुए रूस से तेल की खरीद जारी रखी है।
भारत-रूस संबंधों में नया आयाम
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी हाल ही में रूस के दौरे पर गए थे और उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रूसी राष्ट्रपति से टेलीफोन पर विस्तृत चर्चा की थी। दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन युद्ध और क्षेत्रीय स्थिरता के विषयों पर बातचीत हुई थी। पीएम मोदी ने भारत के शांतिपूर्ण और कूटनीतिक समाधान के पक्ष में रुख को दोहराया था।
अमेरिका-रूस वार्ता का भारत ने किया स्वागत
भारत के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच संभावित वार्ता का स्वागत किया है। भारत का मानना है कि संवाद और कूटनीति ही इस जटिल वैश्विक स्थिति का समाधान हो सकते हैं। एस. जयशंकर की यह यात्रा इसी दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है, जो भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और रणनीतिक संतुलन को दर्शाती है।