पकड़ा गया इमरान का झूठ, अफगानों को फंसाने के लिए पाक हैकर्स ने किया था फेसबुक का इस्तेमाल
punjabkesari.in Sunday, Nov 21, 2021 - 12:58 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान पर तालिबान की मदद का आरोप लगता रहा है। यह भी सामने आया था कि अफगानिस्तान पर कब्जे के वक्त पाकिस्तान तालिबान की पूरी मदद कर रहा था। हालांकि ये बात अलग है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस आरोप से इनकार करते रहे हैं, लेकिन अब शायद वह अपने इस झूठ पर और पर्दा न डाल पाएं क्योंकि फेसबुक ने इमरान के पाखंड की पोल खोलकर रख दी है। फेसबुक के एक अधिकारी ने रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान के हैकर्स ने तालिबान के काबुल पर अधिग्रहण के दौरान अफगानिस्तान में लोगों को टारगेट करने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल किया था। इससे यह पूरी तरह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तानी हैकर्स का मकसद तालिबान के खिलाफ उठ रही आवाजों को दबाना था।
सरकार व सेना थी हैकर्स के निशाने पर
फेसबुक ने बताया कि सुरक्षा उद्योग में साइड कॉपी के नाम से जाना जाने वाला समूह मैलवेयर की मेजबानी करने वाली वेबसाइटों के लिंक साझा करता है। यह लोगों के उपकरणों का सर्वेक्षण कर सकता है। अधिकारी के अनुसार हैकर्स के निशाने पर काबुल में सरकार, सेना और कानून प्रवर्तन से जुड़े लोग शामिल थे। फेसबुक ने अगस्त में ही साइड कॉपी को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया था।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, जिसने पिछले दिनों अपना नाम बदलकर मेटा कर लिया है, उसने खुलासा किया है कि, अफगानिस्तान के यूजर्स का अकाउंट हैक करने के लिए पाकिस्तानी हैकर्स ने कई तरह के हथकंडे अपनाए थे।
महिलाओं के नाम से बनाए फर्जी अकाउंट
सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि पाकिस्तानी हैकर्स के समूह ने इसके लिए महिलाओं के नाम पर अकाउंट बनाए थे। रोमांटिक लालच दिया गया और यूजर से काल्पनिक बातें की गई। इतना ही नहीं इसने वैध वेबसाइटों से भी समझौता किया ताकि लोगों के फेसबुक क्रेडेंशियल्स के साथ हेराफेरी किया जा सके। फेसबुक के साइबर जासूसी जांच के प्रमुख माइक डिविल्यांस्की ने कहा कि हैकर्स के मकसद के बारे में अनुमान लगाना हमारे लिए हमेशा मुश्किल होता है। हम ठीक से नहीं जानते कि किससे समझौता किया गया था या उसका अंतिम परिणाम क्या था।
अफगानों की सुरक्षा में कदम
आपको बता दें कि अगस्त महीने में अफगानिस्तानियों की सुरक्षा के लिए फेसबुक, ट्विटर इंक, अल्फाबेट इंक के गूगल और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के लिंक्डइन सहित प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और ईमेल कंपनियों ने अफगानिस्तान सरकार के अधिकारियों और सरकार से जुड़े लोगों के ईमेल अकाउंट और सोशल मीडिया अकाउंट को लॉक कर दिया था। उस वक्त गूगल की तरफ से कहा गया था कि, अफगान अधिकारियों के ईमेल को हैक करने की कोशिश की जा रही है। फेसबुक की तरफ से कहा गया है कि, कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए और उस वक्त अफगानिस्तान की जो स्थिति बनी थी, उसे देखते हुए फेसबुक हैकिंग को लेकर खुलासा नहीं करने का फैसला लिया गया था। फेसबुक ने कहा कि पाकिस्तानी हैकर्स ने अप्रैल महीने से अगस्त महीने के बीच अफगानिस्तान के यूजर्स के अकाउंट को हैक करने की कोशिश की थी। फेसबुक ने ये भी खुलासा किया है कि, उसने अफगानों के फेसबुक अकाउंट पर पाकिस्तानी हैकर्स के 'हमले' को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय को पूरी रिपोर्ट दी थी।
हैकर्स ग्रुप पर फेसबुक की कार्रवाई
फेसबुक ने कहा है कि, फेसबुक के जांचकर्ताओं ने पिछले महीने दो हैकिंग समूहों के खातों को निष्क्रिय कर दिया था, जिन्हें उसने सीरिया की वायु सेना की खुफिया जानकारी से जोड़ा था। फेसबुक ने कहा कि एक समूह, जिसे सीरियन इलेक्ट्रॉनिक आर्मी के रूप में जाना जाता है, उसने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों को निशाना बनाया है, जो सत्तारूढ़ शासन का विरोध कर रहे थे, जबकि अन्य ने फ्री सीरियन आर्मी से जुड़े लोगों और पूर्व सैन्य कर्मियों को निशाना बनाया, जो विपक्षी बलों में शामिल हो गए थे।