वैज्ञानिकों की नई चिंता- ठीक हुए कोरोना मरीजों में सिर्फ 6 महीने तक टिकेगी इम्युनिटी

punjabkesari.in Sunday, May 24, 2020 - 03:27 PM (IST)

लंदनः कोरोना वायरस वैक्सीन की खोज में लगे वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि संक्रमण से मुक्त लोगों की इम्युनिटी सिर्फ छह महीने ही टिकती है और इसलिए जिन लोगों को रिकवर घोषित कर दिया गया है उनके फिर से बीमार होने की आशंका बढ़ गई है। वैज्ञानिकों ने यह चिंताजनक दावा ऐसे वक्त में किया है जब ब्रिटेन में लोगों को 'इम्युनिटी पासपोर्ट' देने की योजना बनाई जा रही है । यानि जो लोग संक्रमण से मुक्त हैं उन्हें काम करने व बाहर जाने की इजाजत होगी।

 

यूनिवर्सिटी ऑफ एम्सटर्डम में शोधकर्ताओं ने लगातार 35 वर्ष तक दस पुरुषों में सर्दी-जुकाम के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस की चार नस्लों का असर आंका। उन्होंने पाया कि सभी प्रतिभागियों में कोरोना वायरस की प्रत्येक नस्ल से लड़ने की ताकत बहुत कम अवधि के लिए पैदा हो रही थी। छह महीने बाद उनमें कोरोना को मात देने वाले एंटीबॉडी का स्तर तेजी से घटने लगता था। 12 महीने बीतते-बीतते वे दोबारा संक्रमण की चपेट में आ जाते थे। मुख्य शोधकर्ता लीया वैन डेर होएक के मुताबिक अध्ययन से साफ है कि एंटीबॉडी जांच में किसी व्यक्ति में कोरोना विरोधी एंटीबॉडी मिलने का यह मतलब नहीं है कि वह वायरस से सुरक्षित है।

 

छह से 12 महीने के भीतर जब एंटीबॉडी का स्तर घटने लगेगा और वायरस दोबारा वार करेगा तो संभव है कि व्यक्ति फिर संक्रमित हो जाए। होएक ने दावा किया कि पूरी आबादी में एक बार टीकाकरण करने के बाद कोरोना वायरस की विभिन्न नस्लों का प्रकोप कुछ वर्षों के लिए थम जाएगा, यह मान लेना बहुत बड़ी खुशफहमी पाल लेने जैसा होगा। अगर लोगों को साल में एक बार टीका नहीं लगाया गया तो छह से 12 महीने के भीतर वे दोबारा वायरस के शिकार हो जाएंगे। उधर, ब्रिटेन में डाउनिंग स्ट्रीट में स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने गुरुवार को घोषिणा की थी कि सरकार ने एक करोड़ ऐंटीबॉडी टेस्टिंग किट बनाने के प्रस्ताव पर साइन किया है।

 

उन्होंने इम्युनिटी बढ़ाने वाले और यह कब तक इंसानों के शरीर में बरकरार रह सकता है, उसके विज्ञान पर जोर दिया। उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि मंत्री उस सिस्टम ऑफ सर्टिफिकेट पर काम कर रहे हैं जिसके जरिए कोरोना से सुरक्षित लोगों को काम पर जाने और घूमने की अनुमति दी जाएगी। बता दें कि ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर ट्रायल होने जा रहा है। इस पर एम्सटर्डम यूनिवर्सिटी का कहना है कि लोगों को हर साल वायरस से बचने के लिए वैक्सीन लेनी होगी। हालांकि, अभी यह स्टडी शुरुआती स्तर पर है और वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने कोई समीक्षा नहीं की है।


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Tanuja

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