फ्रांस-सेनेगल सैन्य संबंधों का END:  फ्रैंच आर्मी की वापसी शुरू, 2 प्रमुख मिलिट्री अड्डों का नियंत्रण सौंपा

punjabkesari.in Saturday, Mar 08, 2025 - 12:05 PM (IST)

International Desk: पश्चिम अफ्रीकी देश  सेनेगल  में दशकों से मौजूद फ्रांसकी सैन्य उपस्थिति अब आधिकारिक रूप से समाप्त होने की ओर बढ़ रही है।7 मार्च 2025 को  फ्रांस ने सेनेगल की राजधानी डकार में स्थित दो प्रमुख सैन्य अड्डों का नियंत्रण सेनेगल को सौंप दिया। यह कदम सेनेगल के राष्ट्रपति बासिरू दिओमाये फेय द्वारा विदेशी सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद उठाया गया।  फ्रांसीसी दूतावास ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "फ्रांस ने 7 मार्च 2025 को डकार के मार्चल और सेंट-एक्सुपेरी जिलों में स्थित सैन्य अड्डों और आवासीय परिसरों को सेनेगल सरकार को सौंप दिया है।"

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फ्रांस ने फरवरी 2025 में सेनेगल सरकार के साथ एक संयुक्त आयोग का गठन किया था, ताकि सैन्य वापसी की प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा किया जा सके। यह फैसला राष्ट्रपति फेय के उस रुख के अनुरूप है, जिसमें उन्होंने सेनेगल में किसी भी विदेशी सैन्य उपस्थिति को समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताई थी।  इसके अलावा, फ्रांसीसी सेना ने घोषणा की कि डकार स्थित सैन्य ठिकानों पर काम करने वाले 162 सेनेगलवासियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। यह फैसला फ्रांसीसी सेना की संपूर्ण वापसी का हिस्सा है।  

 

अफ्रीका में बढ़ी 'नो फ्रांस' लहर     
सेनेगल के राष्ट्रपति बासिरू दिओमाये फेय ने चुनावी प्रचार के दौरान विदेशी प्रभाव और हस्तक्षेप को कम करने का वादा किया था।उन्होंने पदभार संभालते ही कहा कि सेनेगल की संप्रभुता सर्वोपरि है और किसी भी विदेशी सैन्य उपस्थिति की अब जरूरत नहीं। हाल के वर्षों में माली, बुर्किना फासो और नाइजर जैसे देशों ने भी फ्रांस के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और अपनी धरती से फ्रांसीसी सैनिकों को हटने के लिए कहा है।  पश्चिम अफ्रीका में  फ्रांस विरोधी भावना बढ़ रही है क्योंकि कई देश इसे उपनिवेशवाद के अवशेष के रूप में देखते हैं। सेनेगल अपनी सुरक्षा और सैन्य मामलों पर स्वायत्तता चाहता है। फ्रांस की उपस्थिति को राष्ट्रीय हितों और घरेलू नीति के खिलाफ माना जा रहा था।  


 

फ्रांस ने पश्चिम अफ्रीका में कई देशों में सैन्य ठिकाने बना रखे थे, लेकिन हाल के वर्षों में उसे इनसे पीछे हटना पड़ा है।  

  • - माली: 2022 में फ्रांस कोअपने सैनिक वापस बुलाने पड़े ।  
  • - बुर्किना फासो:  2023 में फ्रांसीसी सैनिकों को देश छोड़ने के आदेश दिए गए।  
  • - नाइजर: 2024 में फ्रांस को  अपने सैन्य ठिकानों को खाली करना पड़ा।  
  • - अब सेनेगल: 2025 में यह आखिरी झटका लगा, जिससे फ्रांस की पश्चिम अफ्रीका में सैन्य पकड़ लगभग समाप्त हो गई।  
  • - फ्रांस के सैनिक पूरी तरह से सेनेगल से हट जाएंगेऔर फ्रांसीसी सैन्य अड्डे पूरी तरह से सेनेगल के नियंत्रण में होंगे।  
  • - सेनेगल अब अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य नीतियां स्वतंत्र रूप से तय करेगा।  
  • - यह कदम पूरे पश्चिम अफ्रीका में एक नई लहर को जन्म दे सकता है, जहां अन्य देश भी विदेशी सैन्य हस्तक्षेप को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।  शी सैन्य हस्तक्षेप पर नई बहस छिड़ सकती है।

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Content Writer

Tanuja

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