फिदेल कास्त्रो की कही कुछ खास पंक्तियां

punjabkesari.in Saturday, Nov 26, 2016 - 05:03 PM (IST)

हवाना:छोटे से क्यूबा को शक्तिशाली पूंजीवादी अमरीका के पैर का कांटा बनाने वाले गुरिल्ला क्रांतिकारी एवं कम्युनिस्ट नेता फिदेल कास्त्रो का आज 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।मीडिया रिपोर्ट मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो के निधन पर क्यूबा में 9 दिन का शोक रहेगा।फिदेल कास्त्रो का अंतिम संस्कार 4 दिसंबर को किया जाएगा।दुनियाभर में कई पीढ़ियों को अपना दीवाना बनाने वाले फिदेल की कुछ खास पंक्तियां।


-1959 में क्रास्त्रो की ये पंक्ति काफी मशहूर हुई थी। क्रांति कोई गुलाबों का बिस्तर नहीं होती।यह भूत और भविष्य के बीच का संघर्ष है।मैंने 82 लोगों के साथ क्रांति की शुरुआत की।अगर मैं फिर ऐसा करता हूं,तो मैं 10 या 15 लोगों के साथ पूरे भरोसे से करूंगा।अगर आपको खुद में भरोसा और एक योजना है, तो यह बिल्कुल मायने नहीं रखता कि आप कितने छोटे हैं।

-1959 में क्यूबा क्रांति के 30 दिनों बाद एक टीवी इंटरव्यू में कास्त्रो ने कहा था कि मैं अपनी दाढ़ी काटने की नहीं सोच रहा,मैं इसका आदी हो चुका हूं और मेरी दाढ़ी मेरे देश के लिए काफी मायने रखती है। 

- डॉक्यूमेंट्री 'लुकिंग फोर फिडेल' में फिदेल के शुरुआती शब्द मैं मानता हूं कि मेरी असल नियती वह युद्ध ही होगी जो कि मैं अमरीका से लड़ने जा रहा हूं। 

- अर्जेंटीना में 21 जुलाई, 2006 में लातिन अमरीकी देशों के सम्मेलन में कास्त्रो ने कहा था कि मैं 80 साल का होने पर बहुत खुश हूं। मैंने ऐसा कभी सोचा था,खासकर एक ऐसे पड़ोसी के होते हुए,जो हर दिन मुझे मारने की कोशिश कर रहा है।  


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