यूरोपीय संघ से अलग होने के जनमत संग्रह के बाद बढ़ा संकट

punjabkesari.in Monday, Jun 27, 2016 - 01:08 PM (IST)

लंदन: यूरोपीय संघ से अलग होने के पिछले गुरूवार के जनमत संग्रह के फैसले के बाद ब्रिटेन का संकट और गहरा हो गया है तथा विश्व के विभिन्न देशों के अधिकारी तथा वित्तीय बाजार यह समझ नहीं पा रहे कि ब्रिटेन के इस आर्थिक तथा राजनीतिक संकट से किस प्रकार निपटा जाए ।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने जनमत संग्रह का नतीजा आने के बाद ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी थी किन्तु वह कंजरवेटिव पार्टी का नया नेता चुने जाने तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। नया नेता 3 महीने बाद अक्टूबर में चुना जाएगा । कैमरन ने यूरोपीय संघ को छोड़ने के प्रश्न पर लिस्वन संधि के अनुच्छेद 60 का जिसमें छोड़ने के लिए 2 वर्ष तक समझौता वार्ता की व्यवस्था है उपयोग करने से इंकार कर दिया है । इससे यूरोपीय संघ के साथ ब्रिटेन के नए संबंधों के बारे में समझौता वार्ता शुरू करने को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है । बैसी कैमरन कल ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के 27 देशों के नेताओं से मिलने वाले हैं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News