अफगानिस्तान में भूकंप का कहर, मरने वालों का आंकड़ा 2000 के पार, पीड़ितों के लिए भारत बना मसीहा
punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 05:47 PM (IST)

International Desk: अफगानिस्तान में गुरुवार सुबह फिर से भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक इसकी तीव्रता 4.8 रही और यह 135 किलोमीटर की गहराई में आया । इससे पहले बुधवार देर रात भी 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था। यह सिर्फ 10 किलोमीटर की गहराई पर था, इसलिए झटके ज्यादा खतरनाक साबित हुए। shallow (सतही) भूकंप आमतौर पर ज्यादा नुकसान करते हैं क्योंकि इनके झटके सीधे सतह तक पहुंच जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, सतही (शैलो) भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं, क्योंकि इनके झटके सतह तक तेजी से पहुँचते हैं और ज़्यादा तबाही मचाते हैं।
भूकंप में मरने वालों को आंकड़ा अब 2000 के पार हो चुका है लेकिन सरकारी आंकड़े कुछ और ही बताए जा रहे हैं। इससे पहले कुनर प्रांत में पहले आए 6.0 तीव्रता वाले भूकंप में 1400 से अधिक लोग मारे गए व 3,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अधिकांश प्रभावित लोग ग्रामीण इलाके में रहते हैं, जहां मकान कच्ची ईंट और लकड़ी के बने थे।मृतकों और घायल लोगों की संख्या बढ़ने के बीच बचाव दल लगातार जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं। प्रभावित इलाके में घर ढह गए हैं और सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं, जिससे राहत कार्य में कठिनाई आ रही है।इसके कुछ समय बाद ही पूर्वोत्तर अफगानिस्तान में फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसकी तीव्रता 5.2 मापी गई है। यह झटके उस भूकंप के ठीक बाद आए, जिसने रविवार रात को क्षेत्र को हिला दिया था और 1,400 से अधिक लोगों की मौत हो गई ।
भूकंप से सबसे ज़्यादा प्रभावित कुनार और नंगरहार प्रांतों में हालात बेहद गंभीर हैं। विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने प्रभावित इलाकों में आपात राहत भेजी है। शुरुआती मदद में खाद्य सामग्री और हाई-एनर्जी बिस्किट भेजे गए हैं। जल्द ही और सहायता व कर्मियों को ले जाने वाली उड़ानें रवाना की जाएंगी। डब्ल्यूएफपी के क्षेत्रीय निदेशक हेराल्ड मानहार्ट ने हालात का वर्णन करते हुए कहा,“घर मलबे में बदल गए हैं, सड़कें टूट चुकी हैं, जगह-जगह भूस्खलन है और दुख की बात है कि कई जिंदगियां चली गईं।”उन्होंने बताया कि राहत टीमों के सामने टूटी सड़कें, दुर्गम इलाका और आफ्टरशॉक्स बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
भारत ने भेजी मदद
भारत ने अफगानिस्तान को राहत सामग्री भेजी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक्स पर जानकारी दी कि भारतीय सहायता काबुल पहुँच चुकी है। भारत की ओर से 21 टन राहत सामग्री भेजी गई है, जिसमें ब्लैंकेट, तंबू, हाइजीन किट, पानी स्टोरेज टैंक, जनरेटर, रसोई के बर्तन, पोर्टेबल वॉटर प्यूरीफायर, स्लीपिंग बैग, दवाइयाँ, व्हीलचेयर, सैनिटाइज़र, वाटर प्यूरीफिकेशन टैबलेट्स, ओआरएस और मेडिकल उपकरण शामिल हैं । जयशंकर ने लिखा-“भारतीय भूकंप सहायता आज हवाई मार्ग से काबुल पहुँची। ज़रूरत की तमाम चीज़ें तुरंत भेजी गई हैं।” कुल मिलाकर, बार-बार आ रहे भूकंप और हालिया बाढ़ के कारण अफगानिस्तान का मानवीय संकट और गहरा गया है। राहत एजेंसियाँ और अंतरराष्ट्रीय मदद ज़मीन पर तेजी से काम कर रही हैं, लेकिन चुनौतियाँ अब भी बड़ी हैं।