यहां ब्रेकअप के दर्द से उबरने में युवाओं की मदद करेगी सरकार

punjabkesari.in Wednesday, Mar 22, 2023 - 04:42 PM (IST)

न्यूजीलैंड में युवाओं को ब्रेकअप के दर्द से उबरने में मदद करने के लिए "लव बेटर" नाम के अभियान की शुरुआत की गई है. सभी विकसित देशों के बीच न्यूजीलैंड में युवाओं द्वारा आत्महत्या की दर सबसे ऊंची दरों में से है."ब्रेकअप बहुत बुरे होते हैं...लेकिन आप अपनी मदद कर सकते हैं. इस अहसास को स्वीकार कीजिए." एक शांतिदायक आवाज में यह संदेश दिल टूटने के दर्द से गुजर रहे न्यूजीलैंड के युवाओं के लिए सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है. इसके तहत ब्रेकअप होने पर क्या करें इसे लेकर सलाह और मदद उपलब्ध कराई जा रही है. "लव बेटर" अभियान को पॉडकास्टों में और इंस्टाग्राम जैसे युवाओं के बीच लोकप्रिय सोशल मीडिया मंचों तक पहुंचाया जाएगा. ताकि ब्रेकअप के दर्द को कम किया जा सके डाटा एनालिसिस कंपनी 'कान्तार' के मुताबिक न्यूजीलैंड में हर 10 में से छह 16 से 24 साल की उम्र के युवा ब्रेकअप से गुजर चुके हैं और इनमें ऐसे युवाओं की बड़ी संख्या है जिन्होंने इसकी वजह से या तो "नुकसानदेह असर का अनुभव" किया है या उन्होंने खुद कुछ नुकसानदेह किया है. यूनिसेफ के मुताबिक देश में विकसित देशों के युवाओं द्वारा आत्महत्या की दर सबसे ऊंची दरों में से है. ये नया अभियान खुद को "ताजा ब्रेकअप से गुजरे लोगों का एक समुदाय" बता रहा है जो "ताजा ब्रेकअप से गुजरे लोगों के थोड़े से दर्द को बहुत बड़ा दर्द बना जाने से रोकने में मदद कर रहा है." इसके वीडियो में ऐसे युवाओं को दर्शाया गया है जो खुद ब्रेकअप से गुजरे हैं. वो वीडियो में बताते हैं कि उन्होंने ब्रेकअप का कैसे सामना किया. एक बेचैन युवा कहता है, "मुझे ये करना पड़ेगा, सच में. यह बेतुका होता जा रहा है. मुझे रात को सोना है. मुझे उससे उबरना है." दूसरे युवाओं का सहारा यह कह कर वो युवा सोशल मीडिया पर अपनी पूर्व क्रश को ब्लॉक कर देता है. न्यूजीलैंड की सरकार में सामाजिक विकास की एसोसिएट मंत्री प्रियंका राधाकृष्णन ने बताया कि सरकार इस अभियान पर तीन सालों में 39 लाख रुपये खर्च करेगी. राधाकृष्णन कहती हैं, "हमें मालूम है कि ब्रेकअप दर्द देते हैं. हम अपने युवाओं को सहारा देना चाहते हैं...और उन्हें बताना चाहते हैं कि बिना खुद का या दूसरों का नुकसान किए भी इससे निकलने का एक तरीका है." उन्होंने यह भी बताया कि "लव बेटर" एक "प्राथमिक निवारण कार्यक्रम" है ताकि युवा "उन्हीं के जैसे अनुभवों से गुजर रहे उनके साथियों की मदद करने के लिए उनके साथ असली कहानियां" साझा कर पाएं. सीके/एए (एएफपी)

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे DW फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

DW News

Recommended News

Related News