इस महिला की वजह से 65 साल बाद दो दुश्मनों की हुई दोस्ती

punjabkesari.in Friday, Apr 27, 2018 - 03:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने करीब 6 दशक के बाद आज दक्षिण कोरिया की सीमा को पार किया। इस दौरान तानाशाह ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन से ऐतिहासिक मुलाकात की। वह अपने साथ एक खास प्रतिनिधि मंडल भी लेकर आए जिसमें किम जोंग के भरोसेमंद लोग शामिल हैं। वहीं सवाल यह है कि अपनी मिसाइलों के दम पर एक दूसरे को आंख दिखाने वाले दो दुश्मन देश आज एक साथ कैसे आए। माना जा रहा है कि इन सब के पीछे एक महिला का हाथ है जिसकी कडी मेहनत से इन दोनों देशों के नेताओं के बीच मुलाकात हो सकी। यह महिला और नहीं बल्कि किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग हैं। 
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बता दें कि तानाशाह किम जोंग उन ने अपनी छोटी बहन को अपना सिपहसालार बनाया। उत्तर कोरिया की ओर से नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में देश के ऑनरेरी अध्यक्ष किम योंग नैम, विदेश मंत्री री योंग हो और किम की बहन किम यो जोंग भी हैं। किम यो जोंग उत्तर कोरिया की वर्कर्स पार्टी के प्रोपेगैंडा एंड एजिटेशन डिपार्टमेंट की निदेशक हैं। वह अकसर किम जोंग के साथ फील्ड दौरों और पार्टी के प्रचार अभियान के दौरान भी दिखाई देती हैं। किम यो जोंग फरवरी में दक्षिण कोरिया भी गई थी। वे यहां पर ओ‍लंपिक्‍स के उद्घाटन के लिए गई थी। इसी दौरान उन्होंने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून से कई घटों बातचीत की थी। 
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बचपन से लेकर अब तक किम यो जोंग अपने भाई की सबसे चहेती रही है और अब उसकी रक्षक भी है। किम ने अपनी बहन को पार्टी में भी बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी है। अपने सभी भाई-बहनों में से वह सबसे ज्यादा भरोसा किम यो जोंग पर है, इसीलिए उसने उसे पार्टी में पोलित ब्यूरो का सदस्य बनाया है। इसके बाद उसका ओहदा अपने भाई के बाद सबसे बड़ा हो गया है। बता दें कि उत्तर और दक्षिण कोरिया 1953 के कोरियाई युद्ध के बाद दो अलग देश बने। पहली बार साल 2000 में दोनों देशों के बीच एक सम्मेलन हुआ। उसके बाद 2007 में समिट उत्तर कोरिया के प्योंग्यांग में आयोजित की गई। ये पहली बार है जब किम जोंग-उन बॉर्डर पार कर दक्षिण कोरिया गए हैं।
 


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